लाखेरी उपखंड में बारिश के बाद दिख रहा है, बाढ़ का कहर, हुआ नुकसान
जितेन्द्र गौड़
लाखेरी -स्मार्ट हलचल|कस्बे सहित उपखंड क्षेत्र में पिछले पांच दिनों से हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। पापड़ी मेज नदी से मंगलवार सुबह पानी उतरा, पानी का रोद्र रूप शांत होने के बाद उसका मंजर सामने आया। मेज नदी के समीप कोटा रोड़ पर हाइवे पर बड़ा गहरा गड्डा हो गया, मेज नदी पुलिया क्षतिग्रस्त हो गया, जिसके कारण प्रशासन ने अभी यातायात संचालन बंद कर रखा है। क्षेत्र में आई बाढ़ से हर जगह बारिश का भयंकर मंजर देखने को मिला,बिजली के खंभे टूट गए,एप्रोच सड़क, जलदाय विभाग के पंप सेट आदि को नुकसान हुआ। नदी के किनारे बालाजी का मंदिर ढह गया।
लाखेरी उपखंड क्षेत्र के देईखेड़ा में पिछले पांच दिन से बिजली संकट गहराया हुआ है। क्षेत्र के पापड़ी घाट का बराणा व नोताडा विधुत फीडर से होने वाली आपूर्ति पांच दिन से पूर्णत: बंद है। भारी अतिवृष्टि के कारण मेज नदी में उफान आने से लाखेरी से आ रही मुख्य सप्लाई लाइन डूब गई थी। इसके साथ ही कई जगहों पर विद्युत खंभे टूटकर गिर गए और तार क्षतिग्रस्त हो गए। जिसके चलते क्षेत्र के तीन दर्जन के करीब गांव अंधेरे में डूबे हुए है।
जनजीवन अस्त-व्यस्त
बिजली गुल रहने से ग्रामीण अंधेरे में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। पीने के पानी की सप्लाई बाधित हो रही है,पेयजल के लिये हैंड पम्पो पर निर्भर है, मोबाइल टावरों की बैटरी खत्म होने से नेटवर्क बार-बार बंद हो जाता है। विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं छोटे व्यापारी और दुकानदार भी कठिनाई झेल रहे हैं। साथ ही आटा चक्की आदि बन्द होने से ग्रामीणों को भटकना पड़ रहा है।
मरम्मत कार्य में आ रही बाधा
विद्युत विभाग के कनिष्ठ अभियन्ता राकेश मीणा के पापड़ी में मेज नदी के दोनों तरफ ही बिजली के पोल क्षतिग्रस्त हो गए है, जहां दुर्गम जगह होने पानी उतरने के बाद वहां जमा सिल्ट व, खराब मौसम और दुर्गम मार्गों के कारण मेंटेनेंस दल मौके तक नहीं पहुँच पा रहे हैं। नदी के उफान और कीचड़ भरे रास्तों ने वाहन संचालन असंभव बना दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही नदी का जलस्तर कम होने के साथ ही रास्ते सुगम होने पर, मरम्मत कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया जाएगा, और बिजली आपूर्ति के प्रयास होंगे।
ग्रामीणों की नाराजगी व मांग
लबान सरपंच बुद्धि प्रकाश मीणा, भाजपा नेता संदीप जैन, आजन्दा के व्यवसायी भेरू सिंह, भारमल केवट, रमेश गुर्जर, भाजपा सोशलमीडिया सदस्य गिरिराज मीणा का कहना है कि विभाग की धीमी कार्यप्रणाली के कारण उन्हें भीषण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने पूर्व में भी नदी पर इसी प्रकार लाइन डूबने पर भी समय रहते निर्बाद बिजली आपूर्ति के इंतजाम नही किये और नही ही इस प्रकार की आपात स्थिति में कोई वैकल्पिक व्यवस्था की। उन्होंने प्रशासन से मांग की है, कि आपात स्थिति में वैकल्पिक बिजली व्यवस्था की जाए, ताकि कम से कम पेयजल व संचार सेवाएं सुचारू हो सकें।
अधिकारियों का आश्वासन
विद्युत विभाग ने आश्वासन दिया है कि रास्तो के सही होते ही नये खंभे खड़े करने व लाइन दुरुस्ती का काम शुरू किया जाएगा। विभाग ने यह भी कहा है कि प्रयास किए जा रहे हैं कि कापरेन से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 5 दिन से बिजली से वंचित क्षेत्रों में जल्द ही आपूर्ति बहाल हो सके।