पावटा|स्मार्ट हलचल|अखिल भारतीय साहित्य परिषद् इकाई पावटा के तत्वावधान में कस्बे के आदर्श विद्या मंदिर में तुलसी जयंती उत्सव आयोजित किया गया । कार्यक्रम में साहित्य मर्मज्ञ डॉ० किशन लाल शर्मा ने अध्यक्ष तथा वरिष्ठ साहित्यकार धर्मपाल ‘धर्म’ एवं शम्भू दयाल गढ़वाल ने विशिष्ट अतिथियों के रूप में मंच को सुशोभित किया । कार्यक्रम का प्रारंभ मंचस्थ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया । काव्य मनीषी गिरिराज शास्त्री द्वारा स्वरचित सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। भवानी सिंह ‘भूधर’ ने परिषद गीत प्रस्तुत किया। तथा इकाई अध्यक्ष नवनीत गौड़ ने स्वागत उद्बोधन किया। तत्पश्चात साहित्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में गोस्वामी तुलसीदास के जीवन चरित्र एवं भारतीय जनजीवन के आध्यात्मिक विकास में उनके योगदान पर उपस्थित कविगण भवानी सिंह ‘भूधर’, समीर कुम्भकार, गिरिराज शास्त्री, गिरधारी सिंह ‘गिरधर’, महावीर शर्मा ‘सरस’, डॉ० विवेक शर्मा, नवनीत गौड़, शिवम शर्मा ‘विशेष’, सीताराम भार्गव, दीपक शर्मा, श्यामसुन्दर आर्य, धर्मपाल ‘धर्म’, शम्भू दयाल गढ़वाल, राहिल साधक, खिल्लू राम सैनी आदि ने रचनाएं प्रस्तुत की । डॉ० किशन लाल शर्मा ने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास ने समन्वयवादी दृष्टिकोण रखते हुए साहित्य का सृजन किया एवं उनके द्वारा लिखित ग्रंथ सदैव प्रासंगिक रहेंगे। कार्यक्रम में लक्ष्मीनारायण शर्मा, ओमप्रकाश पारीक, रघु मिश्रा, हेमराज यादव, ओमप्रकाश शर्मा, सुनील पंसारी, लक्की भारद्वाज, अंकित गौड, मनीष सैन, शीशराम जाट सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं परिषद् के कार्यकर्ता उपस्थित रहे । इस दौरान मंचस्थ अतिथियों द्वारा उपस्थित साहित्यकारों का सम्मान किया गया । अंत में इकाई महामंत्री शिवम शर्मा ‘विशेष’ द्वारा आभार व्यक्त किया गया । मंच संचालन वरिष्ठ कवि महावीर शर्मा ‘सरस’ द्वारा किया गया ।