पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । यूआईटी द्वारा कियोस्कों को तोड़ने के आदेश के विरोध में बुधवार को शहर के कियोस्क व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और अपनी मांगो को लेकर जिला कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा । इससे पहले सेशन कोर्ट चौराहे पर बड़ी संख्या में व्यापारी एकत्रित हुए और प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य मनोज पालीवाल के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला। व्यापारियों की मुख्य मांग थी कि जिन कियोस्कों में नियमित रूप से व्यवस्थित व्यापार हो रहा है, उन्हें तोड़ा न जाए। यदि राज्य सरकार की ओर से कोई शुल्क देय है तो उसे नियम अनुसार लिया जाए। “व्यापारी को व्यापार करने दो”, “छोटे व्यापारी को जीने दो”, तथा “हमारी मांगे पूरी करो” जैसे नारे लगाते हुए जुलूस सेशन कोर्ट से जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। कलेक्टर कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन करने के बाद प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य मनोज पालीवाल ने बताया कि शहर में लगभग 700 कियोस्क ऐसे हैं जिनमें व्यापारी नियमित रूप से अपना व्यवसाय कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। सभी कियोस्क व्यवस्थित हालत में हैं, ऐसे में यूआईटी द्वारा जारी तोड़फोड़ आदेश से व्यापारी भयभीत हैं। उन्होंने कहा कि जब 99 वर्ष की लीज पर दिए मकानों को भी बेघर नहीं किया जा सकता, तो 12 वर्ष की अवधि वाले कियोस्कों को भी नियम अनुसार शुल्क लेकर आगे बढ़ाया जा सकता है। इसी मांग को लेकर प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर से मिलने पहुंचा। कलेक्टर की अनुपस्थिति में एडीएम सिटी ने ज्ञापन ग्रहण किया और आश्वासन दिया कि प्रतिनिधिमंडल की जिला कलेक्टर से मुलाकात करवाकर मांगों का समाधान कराया जाएगा। व्यापारियों ने कहा कि यदि कोई कियोस्क जर्जर स्थिति में है, खाली पड़ा है या उसमें असामाजिक गतिविधियां चल रही हैं, तो उन पर कार्रवाई की जा सकती है, परंतु जिन कियोस्कों में व्यवस्थित व्यापार चल रहा है, उन्हें व्यापार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना होता है, न कि लोगों का रोजगार छीनना।


