पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । भीलवाड़ा यूआईटी द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थित पुराने कियोस्कों को खाली करने और उन्हें तोड़ने का आदेश जारी हुआ था। मंगलवार को बड़ी संख्या में कियोस्क संचालक कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ यूआईटी पहुंचे। जो कियोस्क रेग्युलर चल रहे हैं उन्हें नहीं तोड़ने के लिए ज्ञापन दिया गया। संचालकों का कहना है कि इन कियोस्क से उनके घर की रोजी-रोटी चल रही है, इसलिए उन्हें नहीं तोड़ा जाए ओर जो खंडहर हो चुके हैं या उपयोग में नहीं आ रहे उनको तोड़ दें।
ज्ञापन देने आए पीसीसी मेंबर मनोज पालीवाल ने बताया कि शहर में जो समस्त कियोस्क है, उनको एक साथ तोड़ने का यूआईटी सेक्रेटरी ने जो आदेश जारी किया है अखबार के माध्यम से उसमें हम यह कहना चाहते हैं कि भीलवाड़ा शहर के ऐसे कियोस्क जिनमें व्यापार चल रहा है, उनको नहीं तोड़ा जाए उनको व्यापार करने का अवसर दिया जाए। राजस्थान सरकार हो या केन्द्र केंद्र सरकार हो वो गरीब आदमी को व्यापार करने देने, रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बनी है। इस तरीके से अगर आप आम लोगों को बेरोजगार करोगे तो कांग्रेस सहन नहीं करेगी और बड़ा आंदोलन किया जाएगा। अगर आपको इसे कोई तकलीफ है या कोई गंदगी कर रहे हैं तो व्यवस्था सुधारने की बात की जानी चाहिए ना कि की उसको तोड़ने की। अगर फिर भी नगर निगम नहीं मानी तो सभी कियोस्क संचालक बड़ा आंदोलन करेंगे।
10 साल की अवधि के लिए दिए थे समय पूरा हो चुका है
यूआईटी सचिव ललित गोयल ने बताया की शहर के ये कियोस्क लगभग 25 साल पहले बनाए गए थे। 10 साल की अवधि के लिए आवंटित किए गए थे, जो अब पूरी हो चुकी है। अभियंताओं की ओर से मौके पर निरीक्षण के दौरान पाया गया कि ये कियोस्क अत्यधिक जर्जर और असुरक्षित स्थिति में हैं।


