उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती के वक्त गुलाल उड़ाए जाने के दौरान लगी आग से 14 लोगों के झुलसने की घटना से सबक लेते हुए प्रशासन रंगपंचमी के पर्व पर अलग-अलग उपाय करेगा.
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में धुलेंडी पर हुए हादसे के बाद मंदिर प्रशासन सख्त हो गया है। मंगलवार से व्यवस्था में परिवर्तन हुआ और गर्भगृह व नंदी हाल में अनधिकृत लोगों व सोलाधारियों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई।
इसके अलावा समिति ने गर्भगृह, नंदी हाल आदि में रंग, गुलाल उड़ाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। यानी श्रद्धालु या अन्य कोई रंग-गुलाल नहीं ले सकेंगे। रंगपंचमी पर भी यह रोक जारी रहेगी। इस दिन केवल पुजारी-पुरोहित भगवान महाकाल को प्रतीकात्मक रूप से टेसू के फूलों से बना प्राकृतिक रंग अर्पित करेंगे।
बता दें कि ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में होली के दिन सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आग लग गई। इससे पुजारी, पंडे और सेवकों सहित कुल 14 लोग झुलस गए। नौ घायलों को इंदौर रैफर किया गया था। घटना को लेकर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। तीन दिन में रिपोर्ट आएगी। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने सभी घायलों से मुलाकात की थी। घायलों को एक लाख रुपये की सहायता राशि भी दी जा रही है।