शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ED की गिरफ्त में हैं. ED केजरीवाल से अपनी हिरासत में पूछताछ कर रही है. इन सबके बीच केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जताई है. विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राजनयिक को तलब कर फटकार लगाई है.america हो या जर्मनी ये देश हमें निष्पक्ष जांच का पाठ पढ़ा रहे हैं लेकिन हमें कुछ सिखाने से पहले खुद के देश में फैले भ्रष्टाचार और आतंकवाद की निष्पक्ष जांच क्यों नहीं करते हैं। इस साल की शुरुआत में ही ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने साल 2023 में 180 देशों के करप्शन की रिपोर्ट जारी की थी। जिसके अनुसार अमेरिका 24वें रैंक पर है। वहीं साल 2022 में भी रिपोर्ट में अमेरिका की यही रैंक थी। ऐसे में साल भर में तमाम कोशिशों के बाद भी देश में भ्रष्टाचार का लेवल जरा सा भी कम नहीं हुआ है। ऐसे में उन्हें हमें भ्रष्टाचार पर सलाह देने से पहले अपने देश के करप्शन को कम करने के बारे में सोचना चाहिए।
क्या दिया था बयान?
भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने अमेरिकी मिशन की कार्यवाहक उप प्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को साउथ ब्लॉक स्थित कार्यालय में तलब किया था. बैठक 30 मिनट से ज्यादा चली. अमेरिकी विदेश विभाग एक अधिकारी ने कहा था कि वाशिंगटन ‘मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया के लिए प्रोत्साहित करता है.’ आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. वह 28 मार्च तक एजेंसी की हिरासत में हैं.
जर्मनी को भी सुनाई थी खरी-खरी
जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी को पर टिप्पणी की थी, जिसका भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था. दरअसल, जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था, ‘हमारा मानना है और उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता से जुड़े मानक और मूलभूत लोकतांत्रिक सिद्धांत भी इस मामले में लागू होंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, नई दिल्ली में जर्मनी के दूतावास के उप प्रमुख को तलब किया गया और भारत के कड़े विरोध से उन्हें अवगत कराया गया.
क्या है शराब घोटाला?
यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित है. इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था. इन सबके बीच अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी से राहत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है