— छात्रों के स्वास्थ्य से खुलेआम सामूहिक खिलवाड़ कर रहे है कोचिंग संचालक, सरकार, नगर निगम और प्रशासन – अभिषेक जैन बिट्टू
जयपुर। स्मार्ट हलचल/रविवार को राजधानी के रिद्धि सिद्धि चौराहे के पास स्थित प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान ” उत्कर्ष क्लासेस ” के परिसर में 12 विद्यार्थी पढ़ते हुए गंभीर रूप से बेहोश हो गए थे। जिस समय यह घटना घटी उस दौरान मौजूद विद्यार्थियों और पड़ोसियों तक ने सिवरेज लीकेज की बात कही थी और उसी की गंध के चलते विधार्थी बेहोश हो गए थे। अब नगर निगम ने अपनी जांच रिपोर्ट में दावा किया है कि ” ना सीवरेज लीकेज थी, ना बदबू थी, ना सीवर लाइन ब्लॉक थी जो विधार्थी बेहोश हुए थे वह मिर्ची की गंध से बेहोश हुए थे। जिस प्रकार संयुक्त अभिभावक संघ ने नगर निगम की जांच पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ” जांच रिपोर्ट बताती है कि नगर निगम उत्कर्ष कोचिंग संचालक को बचाने के लिए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है इसलिए फर्जी रिपोर्ट तैयार कर ना केवल विद्यार्थियों को गुमराह कर रहे है बल्कि छात्रों तक को गुमराह करने की साजिश रच रहे है।
संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि ” शिक्षा के भवनों को मंदिर का दर्जा दिया गया है, जिसको माफियाओं ने अपने बिजनेस का केंद्र बना लिया है, इसी के चलते स्कूल संचालक हो या कोचिंग संचालक हर कोई कानून को अपने हाथों में लेकर ना विधार्थी के स्वास्थ्य और भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है बल्कि अभिभावकों की समस्याओं और चिंताओं को भी लगातार बढ़ा रहे है। इसी के चलते उत्कर्ष कोचिंग में 12 बच्चों की घटना देखने को मिली जिस पर सरकार और प्रशासन गंभीरता दिखाने की बजाय खानापूर्ति करते हुए ना केवल शिक्षा व्यवस्था का तमाशा बना रही है बल्कि छात्रों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रही है। नगर निगम ने अपनी रिपोर्ट में जो दावे किए है वह सभी दावे निगम और संचालक की मिलीभगत का खुला प्रमाण है जो साबित करता है कि नगर निगम कोचिंग संचालक को बचाने के लिए केवल कागज काले कर रहा है और छात्रों के भविष्य से खुलेआम सामूहिक खिलवाड़ कर रहे है। निगम ने अपने दावे में कहा है कि मिर्ची की गंध से छात्र बेहोश हो गए थे जो अपने आप में बहुत बड़ा सवाल खड़े करता है कि केवल मिर्ची की गंध छात्रों तक ही क्यों पहुंची, ना शिक्षक को गंध लगी ना आस पड़ोसी को गंध लगी, जबकि सीवरेज लीकेज की गंध सबको लगी। यह रिपोर्ट बताती है कि कोचिंग संचालक, सरकार, नगर निगम और प्रशासन खुलेआम छात्रों के स्वास्थ्य के साथ सामूहिक खिलवाड़ कर रहे है।