Homeसोचने वाली बात/ब्लॉगहमारे वोटो की रोटी खाकर हम पर ही भोंकते ये राजनीतिज्ञ ,एकता...

हमारे वोटो की रोटी खाकर हम पर ही भोंकते ये राजनीतिज्ञ ,एकता के संदेश पर अनावश्यक आपत्ति!!

If we are divided we will be cut off, if we stay united we will be noble,
✍️ हमारे वोटो की रोटी खाकर हम पर ही भोंकते ये राजनीतिज्ञ
😱 एकता के संदेश पर अनावश्यक आपत्ति!!
👉 यदि योगी आदित्यनाथ आसन्न संकटों के प्रति भारत के मूल समाज को सचेत कर रहे हैं तो इस पर आपत्ति क्यों!!😱😡
👉 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए वक्तव्य, ‘बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे’ पर सियासी घमासान छिड़ गया!!🤔😱😡 अपने-अपने दृष्टिकोण से इसके निहितार्थ निकाले जा रहे हैं!!😱😡 विडंबना यह है कि जातीय चेतना, दलित विमर्श, क्षेत्रीय अस्मिता एवं पृथक पहचान के नाम पर छोटी-छोटी अस्मिताओं को उभारकर समाज एवं राष्ट्र को बुरी तरह विभाजित करने वालों को भी योगी आदित्यनाथ के वक्तव्य में संकीर्णता एवं सांप्रदायिकता नजर आती है!!🤔😱😡 क्या यह सत्य नहीं कि आज अनेक लोग वामी जिहादी गठजोड़ की भाषा बोल रहे हैं, जिनकी दृष्टि में भारत कभी एक राष्ट्र न होकर, राज्यों का संघ मात्र रहा, जिनकी दृष्टि में देश की संस्कृति, अस्मिता एवं राष्ट्रीयता भिन्न-भिन्न है, जिनकी दृष्टि में हमास, हिजबुल्ला जैसों का समर्थन पंथनिरपेक्षता है, पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार पर मुंह खोलना भी मतदाताओं का ध्रुवीकरण है…?❓🤔😱😡
👉 क्या यह सत्य नहीं कि देश-विदेश में भारत
विरोधियों का एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो जाति पंथ-भाषा-लिंग क्षेत्र मजहब आदि के नाम पर चलने वाले विमर्श को प्रगतिशीलता बताता है और सनातन संस्कृति की छवि को धूमिल करने की ताक में बैठा रहता है…?❓🤔😱😡 कौन नहीं जानता कि आज भारतीय समाज आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से घिरा है तथा निशाने पर भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता एवं सनातन संस्कृति है…?❓🤔😱😡 क्या इसमें भी कोई दो राय हो सकती है कि इस देश को सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भौगोलिक एकता के सूत्र में पिरोए रखने के लिए परस्पर जुड़े रहने की आवश्यकता है…?❓🤔😱😡 न केवल वर्तमान, अपितु अतीत में भी क्या हमारी सबसे बड़ी दुर्बलता विभाजनकारी प्रवृत्तियां और विभेदकारी कुरीतियां नहीं रहीं..?❓🤔😱😡 विदेशी आक्रांताओं एवं साम्राज्यवादी शक्तियों ने फूट डालो और राज करो की नीति का अनुसरण करते हुए हमें दासता की बेड़ियों में जकड़ा और अंततः भारतवर्ष को विभाजित करने में भी वे सफल रहे..?🤔😱😡
👉 विभाजन का रक्तरंजित इतिहास किस भारतीय के हृदय को आहत नहीं करता होगा…?❓😱😡 योगी आदित्यनाथ के वक्तव्य को राजनीतिक पूर्वाग्रहों से विश्लेषित करने के स्थान पर अतीत के निर्णायक युद्धों में मिली जय-पराजय एवं भारत-विभोजन के
कारणों-परिणामों को समग्रता में समझना होगा!!🤔😱😡 इतिहास साक्षी है कि हम विदेशी आक्रांताओं की वीरता नहीं, कुटिलता एवं धूर्तता के कारण हारे!!😡 हमने अद्भुत शौर्य एवं पराक्रम दिखाया, किंतु अपनों के ही विश्वासघात के चलते पराजित हुए!!😱😡 👉 यदि पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप आदि अपने-अपने दौर में एक होकर लड़े होते तो युद्ध का परिणाम क्या और कैसा होता!!🤔😱😡 अपनों के विश्वासघात एवं आपसी फूट आदि के कारण अतीत में मिली हर पराजय के पश्चात होने वाली भीषण मारकाट, लूट-खसोट, आगजनी, स्त्रियों बच्चों-बूढ़ों पर किए जाने वाले अत्याचार आदि की हृदयविदारक कहानियों से भारतीय इतिहास के पन्ने रंगे पड़े हैं!!🤔😱😡 भारत-भूमि के विभाजन की विभीषिका विश्व इतिहास की सबसे भयावह त्रासदियों में से एक है, परंतु घोर आश्चर्य है कि इसके मूल कारणों एवं भयावह परिणामों आदि को इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में दर्ज करने, पढ़ाए जाने एवं उन पर खुली चर्चा के स्थान पर कथित ‘गंगा जमुनी तहजीब’ के तराने गाए जाते रहे!!🤔😱😡 इस विभाजन के कारण लगभग डेढ़ से दो करोड़ लोगों को विस्थापन का शिकार होना पड़ा, 12 से 15 लाख लोगों को मजहबी हिंसा एवं कट्टरता के कारण प्राण गंवाने पड़े, सहस्रों माताओं-बहनों को अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए अग्नि-चिताओं में जलकर या नदियों- कुओं में समाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करनी
पड़ी!!😱😡 विभाजन से पूर्व मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में 16 अगस्त, 1946 को अलग पाकिस्तान की मांग पर ‘डायरेक्ट एक्शन डे ‘ का आह्वान किया गया!!😱😡 संयुक्त बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री हुसैन शहीद सुहरावर्दी के नेतृत्व में कट्टरपंथियों ने चुन- चुनकर हिंदुओं को निशाना बनाया !! 😱😡 72 घंटे के भीतर छह हजार से अधिक हिंदुओं का कत्लेआम किया गया, हजारों हिंदू माताओं-बहनों बेटियों को दुष्कर्म का शिकार बनाया गया, कलकत्ता के पश्चात नोआखली, बिहार और पंजाब में भी मजहबी हिंसा एवं कट्टरता के ऐसे ही कुकृत्यों को दोहराया गया!!😱😡
👉 न केवल विभाजन के कालखंड में, बल्कि बाद के दिनों में भी बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान), पाकिस्तान, अफगानिस्तान में हिंदुओं-सिखों-बौद्धों को लगातार निशाना बनाया जाता रहा, जिसकी परिणति वहां अल्पसंख्यकों की घटती जनसंख्या और जबरन मतांतरण में देखी जा सकती है!!🤔😱😡 विभाजन के समय पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों की आबादी 14 प्रतिशत थी, जो आज घटकर दो प्रतिशत से कम रह गई है!!🤔😱😡 1981 में बांग्लादेश में जो हिंदू आबादी 12.3 प्रतिशत थी, वह अब 7.9 रह गई है!!😱😡 1970 तक अफगानिस्तान में हिंदू-सिखों की अनुमानित संख्या लगभग 7 लाख थी, जो मजहबी हिंसा एवं तालिबानी राज में घटकर तो-तीन दर्जन गई है!!😱😡 आज बांग्लादेश में कट्टरपंथ क्रूर अट्टहास कर रहा है और बंग संस्कृति स्तब्ध है!!😱😡 ऐसे में यदि योगी आदित्यनाथ आसन्न संकटों के भारत के मूल समाज को सचेत कर रहे हैं तो पर आपत्ति क्यों..?❓🤔😱😡 स्मरण रहे कि कट्टरपंथियों निशाने पर कभी कोई जाति, दल या विचारधारा नहीं, बल्कि स्वतंत्रता, समता में विश्वास रखने वाली सनातन संस्कृति है!!😱😡 सनातन समाज को जातियों वर्गों में बांटकर राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले दलों एवं बुद्धिजीवियों को पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री जोगेंद्र नाथ मंडल का नाम अवश्य याद रखना चाहिए, जो हताश-निराश होकर वहां से भाग आए थे!!?❓🤔❓😱❓😡❓

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES