रायपुर 26 अगस्त । रायपुर के केमुनिया में मोहन जाट के घर की छत पर सोमवार बीती रात एक बंदर की अचानक मौत हो गई। ग्रामीणों ने मृत बंदर की ढोल-नगाड़े के साथ धूमधाम से शवयात्रा निकाली। बंदर के शव को लेकर मुक्तिधाम तक बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे। जहां पर हिंदू-रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया। मंगलवार का दिन हनुमान जी को स्मरण करने का दिन होता है। लोगों में एकराय बनी और बंदर के शव के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया अपनाई गई। जैसे घर का कोई सदस्य बिछड़ा हो : बंदर की शव यात्रा निकालने की तैयारी में लोग जुट गए। मोहन जाट, भगवत सिंह राणावत, मांगी लाल गुर्जर, गजेंद्र सिंह आदि ने सहयोग किया। पुजारी विशाल वैष्णव रायपुर को भी बुलाया गया। फूलमाला और ओपन बेल गाड़ी का इंतजाम किया गया। बंदर का शव बैलगाड़ी पर ऐसे सजाया गया जैसे परिवार का कोई सदस्य बिछड़ रहा हो। फूल-माला से सजाने के बाद लोगों ने मिलकर बंदर के शव को कांधा दिया। ढोल नगाड़ा बजाते, जय श्रीराम का नारा लगाते हुए लोग शव लेकर भोजा जी स्थल पहुंच गए। वहां पूरे विधि विधान, वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बंदर के शव को भोजा जी भूमि में दफनाया गया। जहां ग्रामीणों ने बताया कि जिस स्थान पर वानर राज को दफनाया गया वहां हनुमान जी का मंदिर सभी ग्रामवासियों के सहयोग से बनाया जाएगा। इस दौरान मोहन जाट, मांगी लाल गुर्जर, रणजीत सिंह, भगवत सिंह, गजेंद्र सिंह राणावत,केसर गुर्जर, रोशन कुम्हार, मुख्य पुजारी विशाल वैष्णव, सुखदेव जाट, रोशन जाट, शंकर जाट, किशन गुर्जर, आसू प्रजापत, मिठू गुर्जर, जगदीश गुर्जर, ओमप्रकाश जाट, सहित सैकड़ों ग्रामवासी महिला पुरुष मौजूद थे।