(ओमप्रकाश शर्मा)
स्मार्ट हलचल, पावटा|कोटपूतली- बहरोड़ जिले में वंदे गंगा: जल संरक्षण- जन अभियान जोरो पर है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत जल संरक्षण, सिंचाई प्रबंधन के लिए हुए कार्यों से ग्रामीण क्षेत्र में जल संरक्षण की परम्परा पल्लवित हो रही है। साथ ही किसानों को बिना लागत के सिंचाई सुविधा का लाभ मिलने से सरकार की किसानों को दुगुनी आमदनी करने का सपना भी साकार हो रहा है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई – 2 योजना एवं मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में प्रत्येक गांवों में जल स्रोतों का जीर्णोंद्धार एवं संरक्षण का कार्य होने से ये योजनाएं ग्रामीण क्षेत्र में मानव जीवन, पशु-पक्षी एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए मददगार साबित हो रही हैं।
वंदे गंगा जल संरक्षण-जल अभियान के तहत ग्राउंड वॉटर रिचार्ज करने, भू- जल संरक्षण करने, अधिकाधिक वृक्षारोपण हेतु आमजन को जागरूक करने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।
भारत सरकार की अमृत सरोवर योजना के तहत ग्राम विकास मंत्रालय द्वारा विकसित किए जा रहे ग्राम चूरी का अमृत सरोवर 4500 ग्रामवासियों के लिए वरदान साबित हुआ है।
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेंद्र सैनी ने बताया कि अमृत सरोवर योजना के तहत जिले में उपखंड विराटनगर की ग्राम पंचायत तेवड़ी, आमलोदा दूथी, कोहाड़ा, छाकोड़ा खुर्द, तालवा बिहाजर, बजरंगपुरा में कार्य पूर्ण हो चुका है और उपखंड बानसूर में सबलपुरा, किशोरपुरा, बुर्जा, शाहपुर और पोलावास, उपखंड नीमराना में गीगलाना, रोडवाल, बनी जोनायचा, नाटाना और चौबारा, उपखंड बहरोड़ की ग्राम पंचायत बसई, ढूंढारिया, जखराना, बिजोरावास, खोहरी में अमृत सरोवर विकसित किए गए हैं।
पावटा उपखंड के ग्राम फतेहपुरा में वर्षा जल संचयन हेतु निर्मित 2 एनीकट पर से ग्राउंड वॉटर रिचार्ज में सहायता होगी। वॉटर शेड विभाग एईएन प्रदीप यादव ने बताया कि 4800 घन मीटर एवं 5700 घन मीटर की क्षमता वाले एनिकट के निर्माण से भू- जल स्तर में वृद्धि होगी। ग्राम वासियों को दैनिक कार्यों के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा। अधीक्षण अभियंता वॉटर शेड हरिमोहन बैरवा ने बताया की जिले में करीब 980 कार्य प्रगतिरत हैं।
* नर्सरी में 2.78 लाख पौधे हो रहे तैयार *
वन विभाग पावटा रेंज द्वारा भाभरू में संचालित नर्सरी में वर्ष 2025-26 में हरियालो राजस्थान एवं एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत वन विभाग द्वारा 2,78,000 पौधों को तैयार करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसमें 2,50,000 पौधे TOFR स्कीम एवं 20,000 पौधे RFBP स्कीम के तहत तैयार करवाए जा रहे है तथा लगभग 3000 पौधे टॉल प्लांट्स के तैयार करवाए जा रहे है। सहायक वन संरक्षक तरुण प्रकाश यादव ने बताया कि नर्सरी में अर्जुन, गूगल, शीशम, गुलाब, गुलर, अमरूद, कनेर, करंज, बहेड़ा, गुलमोहर, आंवला के पौधे तैयार करवाएं जा रहे है। जिनका वितरण ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों ही माध्यम से किया जा रहा है। वनपाल धर्मवीर वाल्मीकि ने बताया कि एक जिला एक स्पिसिज में 4 हजार गूगल के प्लांट्स तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विलुप्त प्रजाति में खिरनी, गुदी, खेजड़ी, कड़ाया के पौध तैयार किए जा रहे हैं। वही विराटनगर के बियावास में ग्राम पंचायत द्वारा बनाई गई पौधशाला में तैयार पौधों को राज्य सरकार के वृक्षारोपण अभियानों में लगाया जाएगा। बानसूर के हमीरपुर में स्थित तालाब को मॉडल तालाब की संज्ञा दी गई है। इस तालाब पर पौधरोपण किया जाएगा।