श्री राम के निज घर में विराजमान होने का मनाया जश्न
पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । सदियों के इंतजार के बाद आखिर रामलला अपने निज घर में विराजमान हो गये। राम लला प्राण प्रतिष्ठा के इस जश्न में भीलवाड़ा वासी भक्ति के रंग में डूबे नजर आये। ऐसी कोई गली या मौहल्ला नहीं बचा जहां भगवा पताका न फहराई और राम आयेंगे जैसा प्रिय संगीत न बजा हो। हर कोई भक्ति के रंग में नजर आया। प्राण प्रतिष्ठा के ठीक बाद मंदिरों में घंटे घडियाल बज उठे और महा आरती कर प्रसाद बांटा गया। आज मानो ऐसा लग रहा था जैसे दीपावली से बड़ा यह हिंदुत्व का त्यौहार हो।
वैसे तो पूरे भारत देश के साथ ही वस्त्रनगरी भीलवाड़ा भी कई दिनों से आज के दिन के इंतजार में थी, कल पूरी रात आतिश बाजिया होती रही। राम के आने के स्वागत में भजन कीर्तन किये गये। लोग पूरी तरह भक्ति के रंग में डूबे नजर आये। आज सुबह आम दिनों की बजाय लोग जल्दी उठे और स्नान ध्यान से निवृत हो कर मंदिरों में पहुंच गए और भक्ति के रंग में रम गये।
सुबह से तैयारियां
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों ने मंदिरों के साथ ही घरों में भी विशेष पूजा अर्चना की। इसके बाद अयोध्या से लाइव प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखने के लिए जुट गए। जबकि युवा वर्ग आतिशबाजी और अपने अपने वाहनों पर भगवा पताका लगाकर बाजारों में समूह के रूप में घूमते नजर आये। मंदिरों में भी आज लोगों की भीड़ रही।
प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही मंदिरों में महा आरतियां, बाजार में आतिशबाजिया
युग पुरूष और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, संघ से मोहन भागवत के साथ अन्य विशिष्ट लोगों ने जैसे ही प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान शुरू किया तो राम जी का जयघोष शुरू हो गया। अनुष्ठान और आरती पूरी होने के साथ ही संकट मोचन हनुमान मंदिर, पेच के बालाजी, पंचमुखी बालाजी, हठीले हनुमान मंदिर, दूदाधारी मंदिर, बड़ा चारभुजा नाथ मंदिर,कांची के सामने सगस जी का मंदिर के साथ ही अन्य मंदिरों में आरतियां हुई। भगवान को भोग लगाया गया इसके बाद प्रसाद वितरीत किया गया।
*हर जगह लोग भक्ति के रंग डूबे नजर आये*
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद जयघोष तो गूंजा ही। लोग हाथों में पताका लिये कहीं भक्ति के रंग में नाचते नजर आये तो कहीं समूह में डीजे पर थिरकते देखे गये। आज सिर्फ लोगों में राम जी आये का ही भाव नजर आया। बाजार लगभग बन्द से रहे और लोग काम धाम को भूलकर रामजी के आने की खुशी में मंदिरों की ओर रूख करते नजर आये। मंदिरों में तो प्रसाद वितरीत ही किया गया लेकिन आज कई जगह लंगर लगाकर अलग अलग तरह के प्रसाद लोगों को वितरीत किये गये। मार्ग से जो भी निकला उसे रोकर भक्त प्रसाद देते नजर आये।
धार्मिक आयोजन के साथ ही प्रसादी भी
राम के आने की खुशी में ढोल ढमाके तो बजे ही मंदिरों और सड़कों पर भी आरती के कार्यक्रम हुए। वहीं हठीले हनुमान मंदिर में सुंदरकांड पाठ रखा गया। पंडित बालकिशन शर्मा ने बताया कि पाठ के बाद आरती की गई और फिर आम प्रसादी रखी गई है। जहां हजारों लोगों ने प्रसादी पाई।
वहीं कुछ अन्य मंदिरों में भी प्रसादी का आयोजन किया गया। पेच के बालाजी में बालाजी की पंडित आशुतोष शर्मा ने आरती कर भोग लगाया और मंदिर आने वाले लोगों को प्रसाद वितरीत किया।
रोशनी से नहाया शहर, डीजे पर बजी रामधुन, लाइव प्रसारण भी
वस्त्र नगरी में बीती रात को गौ शालाओं, मंदिरों और चौराहों पर राम के आगमन को लेकर दीप जलाये गए। भवनों पर रोशनी की गई। यूं लग रहा था मानो दीवाली आ गई हो। वैसे तो आज का दिन दीवाली से बढ़कर माना जा रहा है। भवन ही नहीं कई बाजार भी सजाए गए है। जगह जगह डीजे लगाए गए, एलईडी लगाई गई जिन पर अयोध्या से सीधा प्रसारण देखा गया।
*मालाएं और दीपक हुए महंगे*
रामजी के आगमन को लेकर आज दीपावली की तरह ही मालाओं और दीयों की अस्थाई दुकानें भी जगह जगह लगी। आम दिनों से दीपक और मालाएं महंगी बिकी है। मालाएं 15 से 20 रुपए तक बेची गई जबकि दीपक दस रुपए की पांच ही बिके है जबकि पहले आठ से दस मिला करते थे।
शोभायात्राएं निकली
भीलवाड़ा शहर के मुख्य बाजार के साथ ही विभिन्न कॉलोनियों में भी शोभायात्राएं निकाली गई। बैंड बाजों और ढोल नगाड़ों से निकली इन शोभा यात्राओं में लोग नाचते कूदते चल रहे थे।
चाक चौबंध व्यवस्था
दीपावली की तरह ही शहर में चाक चौबंद व्यवस्था की गई है। कई मार्गों पर वाहनों की आवाजाही रोकी गई। जबकि कुछ मार्गों को तो कार्यक्रमों के चलते बन्द कर दिया गया। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर शहर के बाहरी इलाकों में भी नाकेबंदी की गई ताकि किसी भी घटना से निपटा जा सके। पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विमल सिंह और अन्य अधिकारी लगातार निगाह रखे हुए थे। वहीं पुलिस भी गश्त करती नजर आई।
गली मौहल्ले हुए भगवामय
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आज शायद ही ऐसा भवन बचा जिस पर भगवा पताका नहीं लहराता हुआ नजर नही आया हो। गली मौहल्ले और बाजार तो भगवा झंडो से सजे हुए थे। आज पूरे शहर में जहा देखो वहा केवल भगवे रंग के अलावा कोई रंग नजर नहीं आ रहा था। दुपहिया हो या चौपहिया अधिकांश वाहनों पर भगवा पताका लहराती हुई नजर आई। कई लोग तो भगवा कपड़ों में ही दिखे। बुजुर्ग हो या युवा हर कोई भगवा रंग में रंगा नजर आया है।