(मोहम्मद आज़ाद नेब)
जहाजपुर\स्मार्ट हलचल|राजकीय विद्यालय बदनपुरा में शारीरिक शिक्षक द्वारा मिल्क पाउडर ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने शिक्षक पर स्कूल के बच्चों को दूध नहीं पिलाने और पोषण सामग्री को निजी उपयोग में लेने का आरोप लगाया है।
वायरल वीडियो में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शिक्षक बच्चों का हक छीनकर मिल्क पाउडर अपने घर ले जा रहे थे। हालांकि मामले की तह तक जाने पर पूरी कहानी कुछ और ही सामने आई।
शारीरिक शिक्षक सचिन टांक ने सफाई देते हुए बताया कि वह यह मिल्क पाउडर रघुनाथपुरा स्कूल के शिक्षक मिश्रीलाल बैरवा को देने जा रहे थे। बारिश के कारण सप्लायर ने रघुनाथपुरा स्कूल की सप्लाई बदनपुरा स्कूल में ही रखवा दी थी। इसकी जानकारी पहले ही उन्होंने सीबीईओ को दे दी थी।
रघुनाथपुरा शिक्षक मिश्रीलाल बैरवा ने भी इस बात की पुष्टि की कि सप्लायर ने उनकी स्कूल की पोषण सामग्री बदनपुरा में उतार दी थी, इसलिए उन्होंने सचिन टांक से रास्ते में मिल्क पाउडर लाने का अनुरोध किया था।
सीडीबीओ ओमप्रकाश खटीक ने मामले की जांच के बाद स्पष्ट किया कि मिल्क पाउडर ले जाने में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। यह सप्लाई तकनीकी कारणों से गलत स्थान पर उतर गई थी और शिक्षक इसे सही स्कूल में पहुंचाने का कार्य कर रहे थे।
जांच में यह भी सामने आया कि बदनपुरा स्कूल की पोषाहार बनाने वाली महिलाओं को जब शिक्षक ने गेहूं पीसवा कर पूरी मात्रा में नहीं लाने पर टोका, तो उनके परिजनों ने बदला लेने की नीयत से शिक्षक का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। यह वीडियो शिक्षक की छवि को धूमिल करने का प्रयास मात्र था। वायरल वीडियो के पीछे बदले की भावना काम कर रही थी, जबकि शिक्षक अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन कर रहे थे। मामले की सच्चाई सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने भी शिक्षक को क्लीन चिट दे दी है।