रायपुर । वीडीओ संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष नारायण लाल सालवी ने बताया कि प्रताड़ना देकर आत्महत्या के लिए विवश करने वाले दोषी जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों तथा अधिकारियों के विरुद्ध पुलिस थाना थोई, जिला नीम का थाना में दर्ज एफआईआर संख्या-28/2024 है नीमकाथाना जिले की पंचायत समिति अजीतगढ़ की ग्राम पंचायत चीपलाटा में नव पदस्थापित ग्राम विकास अधिकारी स्व. ललित कुमार बेनीवाल अत्यंत निर्धन दलित परिवार का बहुत होनहार बच्चा था, जो आईआईटी कानपुर से गोल्ड मेडलिस्ट ग्रेजुएट होने के साथ दो बार यूपीएससी की मुख्य परीक्षा दे चुका था। वर्ष 2023 में ग्राम विकास अधिकारी पद पर पदस्थापित हमारे साथी को ग्राम पंचायत चीपलाटा के सरपंच मनोज गुर्जर, सरपंच के पिता एवं पूर्व सरपंच शबीरबल गुर्जर, कनिष्ठ सहायक जयदेव, ग्राम पंचायत के ठेकेदार एलडीसी पोखरमल एवं पंचायत समिति के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा बहुत अधिक मानसिक प्रताड़ना दी गई। इस मानसिक प्रताड़ना का संपूर्ण विवरण ललित कुमार द्वारा पंचायत समिति के ग्रुप में स्वयं के मोबाइल से प्रेषित किए गए सुसाइड नोट में दर्ज है।
होनहार ग्राम विकास अधिकारी को दी गई मानसिक प्रताड़ना के सुसाइड नोट में किए गए विवरण का एक-एक शब्द आत्मा को झकझोर देने वाला है। ललित कुमार अत्यंत निर्धन दलित परिवार में तीन बहिनों का इकलौता भाई था। इनके पिता पंजाब में ईट भट्टा पर मजदूरी तथा मां गांव के किसानों के खेत में मजदूरी कर अपने बच्चों को पढ़ाकर काबिल बनाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन कुछ समाज कंटकों ने इस परिवार की खुशियों को हमेशा के लिए छीन लिया है। इस घटना के एक भी अभियुक्त की आज दिनांक तक गिरफ्तारी नही हुई जबकि 8 पेज के सुसाइड नोट, मोबाइल मैसेज और परिजनों के बयानों से सब कुछ स्पष्ट है कि यह आत्म हत्या नही है अपितु कुछ भ्रष्टाचारियों द्वारा मानसिक प्रताड़ना दे कर की गई हत्या है।
विशेष बात यह भी है कि वर्तमान में 11000 में से लगभग 5300 ग्राम विकास अधिकारी ऐसे हैं, जिनकी नियुक्ति को एक वर्ष भी नही हुआ है लेकिन व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं में प्रगति लाने के लिए प्रोत्साहित करने के स्थान पर ब्लॉक एवं जिला लेवल के कुछ अधिकारियों द्वारा सीसीए रूल 17 में चार्ज शीट्स देकर इनमें भय का वातावरण उत्पन्न किया जा रहा है, जिससे नवचयनित ग्राम विकास अधिकारी भयंकर मानसिक तनाव में है। दिवंगत ग्राम विकास अधिकारी श्री ललित कुमार को भी जहां एक ओर सरपंच उसके पिता और ग्राम पंचायत में कार्यरत कार्मिक व ठेकेदार (एलडीसी) के द्वारा प्रताड़ित किया गया वहीं दूसरी ओर सोखते गड्ढे के अपूर्ण होने नाम पर ही सीसीए 17 में चार्ज शीट देकर प्रताड़ित किया गया। ऐसे प्रदेश में सैकड़ो उदाहरण है। जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की इस प्रकार की कार्यशैली तथा इस घटना से प्रदेश के 11 हजार ग्राम विकास अधिकारियों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।
हमारा आपसे आग्रह है कि इस घटना के लिए उत्तरदाई जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों को शीघ्र गिरफ्तार करवाए तथा अत्यंत निर्धन दलित परिवार को राज्य सरकार से यथा संभव आर्थिक मदद दिलवाकर अनुग्रहित करें अन्यथा संगठन आंदोलन करेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन और सरकार की होगी इस मौके पर गणपत सिंह उदयभान अशोक मारू सचिन चौबे सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे.