भीलवाडाः शहर मे बारीश के मौसम मे विद्युत पोलो पर पैड पोधो व लताओ को नही हटाने से मानव जीवन व मवेशीयो को जान माल की हानी होने व भविष्य मे किसी प्रकार की अनहोनी नही हो, इस उधेश्य से पब्लिक पाॅवर एण्ड अवेयरनेस सोसायटी की और से सामाजिक कार्यकर्ता गोटु सिंह मंगलुपरा द्वारा अधिवक्ता लक्ष्मी कुमारी, मुकेश कुमार शर्मा, परिक्षित शर्मा के मार्फत राज्य सरकार, विधुत निगम और सिक्योर कम्पनी के विरुद्व जनहित याचिका पेश की। उक्त याचिका पर सुनवाई करते हुये अदालत ने राज्य सरकार, विधुत निगम और सिक्योर कम्पनी को नोटिस जारी कर अगली तारीख 01.09.2025 को जवाब पेश करने हेतु निर्देशित किया है। अधिवक्ता लक्ष्मी कुमारी व मुकेश कुमार शर्मा ने अदालत को बताया कि अजमेर विधुत वितरण निगम लि0 विधुत सेवा प्रदाता कम्पनी है जो भीलवाडा जिले के नागरीेको को विधुत सैवाये प्रदान करती है और इसके बदले मे शुल्क वसुल करती है, इस कारण आम उपभोक्ताओ से शुल्क लेकर उन्हे गुणवतापुर्ण विधुत सैवाऐ प्रदान करना एवं सुरक्षा की दृष्टी से विधुत लाइनो एवं विधुत पोलो की रखरखाव की जिम्मेदारी भी निगम की है, निगम द्वारा सिक्योर कम्पनी को भीलवाडा शहर मे विधुत लाईन व पोल के रखरखाव व आम नागरीको को गुणवत्तापुर्ण विधुत सेवाये प्रदान करने आदि कार्य हैतु अधिकृत किया है, इस कारण सिक्योर का विधिक दायित्व एवं कर्तव्य है कि वह शहर के नागरिको को सर्वसुविधा युक्त ंएवं गुणवत्तायुक्त सुरक्षित विधुत सेवाये प्रदान करे। भीलवाडा शहर व जिले मे 1000 से भी अधिक विधुत पोल्स पर नंगे तार होने एवं उन पोल्स पर हरे वृक्ष एवं अन्य पैड पौधो लताओ की टहनीयो के छुने से आये दिन उनमे विधुत प्रवाह होने से कई मवेशियो एवं आम नागरीको की मृत्यू हो गयी है, जबकि उक्त विधुत लाईन व वि़धुत पाॅल्स की सम्पुर्ण रखरखाव व सुरक्षा का जिम्मा निगम व विपक्षी का है।
लापरवाही की हद
पब्लिक अवेयरनेस सोसायटी द्वारा रिेको चतुर्थ फेस मे पुराने दारु गोदाम के पास सडक के निकट लगे विधुत पोल पर नंगे तारो के सही करने के संबध मे सम्पर्क पाॅर्टल 181 पर शिकायत की, जिस पर सिक्योर कम्पनी के वाहन मय कर्मचारियो द्वारा उक्त स्थल पर पहुच कर बताया की यह प्राइवेट पोल है,इसके नंगे तारो को सही करना हमारा काम नही है, इसे फेक्ट्री मालिक ही सही करवायेगा, जबकि उक्त पोल फेक्ट्री परिसर मे नही होकर सार्वजनिक रोड पर है, जिसके रखरखाव की सम्पुर्ण जिम्मेदारी सिक्योर कम्पनी की है, उक्त नंगे तार आज भी यथावत है, जिससे स्पष्ट प्रमाणित है कि सिक्योर कम्पनी अपने दायित्वो के प्रति कितनी उदासीन है, और सिक्योर कम्पनी को आम नागरीको के जान की सुरक्षा की कोई परवाह नही है। शहर व जिले के सैकडो विधुत पोलो एवं ट्रांसफार्मरो पर रखरखाव व देखरेख के अभाव मे उन विधुत पोलो एवं ट्रांसफार्मरो के नंगे तारो पर विभिन्न लताये व पैड पोधो की टहनीया लटकी हुयी है,उक्त गीली टहनीया विधुत की सुचालक होने से बारीश के मौसम से उन लताओ को पशु पक्षी या मानव के छुने मात्र से उनकी मृत्यु तक हो सकती हैैै। अधिवक्ता परिक्षित शर्मा ने बताया कि सिक्योर कम्पनी को भीलवाडा शहर मे विधुत लाइनो, पोल्स, ट्रांसफार्मर आदि के रखरखाव के लिये सरकार द्वारा अधिकृत कर भारी भरकम राजकीय राशि का भुगतान किया जा रहा है, फिर भी सिक्योर कम्पनी द्वारा अपने कार्य को लापरवाही पुर्ण तरिके से करने से शहर मे कई पशु पक्षी गौवंश व आमजन की जान को भारी जोखीम है, और शहर और जिले मे किसी बडे हादसे से इंकार नही किया जा सकता है। प्रार्थी संस्थान के पदाधिकारीयो द्वारा कई बार सिक्योर व विधुत निगम से सम्पर्क कर विधुत लाइनो एवं विधुत पाॅल्स पर लटकी हुयी लताओ एवं पैड पौधो की टहनीयो को हटाने का निवेदन किया, एवं कई बार आम जनता द्वारा ज्ञापन व धरना प्रदर्शन भी किये गये, फिर भी सिक्योर कम्पनी व निगम द्वारा इस संबध मे किसी प्रकार के ठोस प्रयास नही किये गये, जिससे आम जनता व मवेशियो की जान का खतरा निरंतर बना हुआ है।
हाल ही मे बिजौलिया क्षैत्र मे एक आम नागरीक की विधुत पाॅल्स के पास पैडो की टहनीया छुने से करंट लगने से मृत्यु हो गयी, फिर भी सिक्योर व निगम द्वारा किसी प्रकार की ठोस कार्यवाही नही की गयी।
सिक्योर से अनुबंध खत्म कर पुनः निगम द्वारा ही कार्य करने की मांग
उक्त याचिका मे अदालत से मांग की गयी है कि भीलवाडा शहर व जिले मे विधुत लाइनो व पोल्स, ट्रांसफार्मरो के पास खुले तारो को सही करने एवं विधुत लाइनो व पोल्स, ट्रांसफार्मरो पर लिपटी लताओ को अविलम्ब 30 दिवस मे हटवाये जाने हेतु विधुत निगम एवं सिक्योर को आदेशित किया जावे तथा सिक्योर द्वारा भारी भरकम राजकीय राशि प्राप्त करने के बाद भी कार्य मे लापरवाही बरतने के कारण सिक्योर के विरुद्ध विधी सम्मत कार्यवाही की जावे व निर्धारित समय मे आम नागरिको की जान की सुरक्षा मे नाकाम रहने पर सिक्योर कम्पनी के साथ किये गये अनुबंध समाप्त कर पुनः अजमेर विधुत निगम के जिम्मे किया जावे।


