लगातार बढ़ रहा है नेत्रदान का काफिला, भवानीमंडी से 145 वां नेत्रदान
रणवीर सिंह चौहान
स्मार्ट हलचल\भवानी मंडी\नेत्रदान के माध्यम से मृत्यु के बाद भी दुनिया को देखा जा सकता है, तथा दो लोगों के जीवन को रोशन किया जा सकता है, इसी से प्रेरित होकर भवानीमंडी में नेत्रदान के लिए परिवार स्वयं पहल करते हैं और इस तरह की जागरूकता पूरे देश में अनूठी है, ऐसी ही पहल समाजसेवी विमल कुमार सेठिया की मृत्यु के पश्चात परिवार के द्वारा नेत्रदान करवा कर की गई है।
भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन के नगर संयोजक कमलेश गुप्ता दलाल ने बताया कि प्रॉपर्टी व्यवसायी विमल कुमार सेठिया का हृदयाघात से निधन होने के पश्चात उनके चचेरे भाई धीरज सेठिया एवं ज्योति मित्र विवेक जैन पिंटू ने पुत्र राहुल सेठिया व पत्नी सुमन सेठिया से नेत्रदान के लिए बात की, चुंकि परिवार पहले से सामाजिक और धार्मिक कार्यों से जुड़ा हुआ है ऐसे में परिवार की ओर से सहज स्वीकृति प्रदान कर दी गई। सूचना देने पर शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ ने ज्योति रथ से रात्रि में ही भवानीमंडी पहुंचकर सफल नेत्रदान प्राप्त किया। नेत्रदान प्रक्रिया में दामाद संजय जैन भानपुरा, कोमल जैन, संजय जैन लोटखेड़ी, सुनील जैन, धीरज जैन, विवेक जैन आदि ने सहयोग किया, नेत्रदान से प्राप्त कॉर्निया अच्छा पाया गया है जिसे आई बैंक जयपुर भिजवा दिया गया है जहां पर यह दो लोगों को प्रत्यारोपित होकर नई नेत्र ज्योति प्रदान कर सकेगा।
नेत्रदान संयोजक कमलेश गुप्ता के अनुसार विमल सेठिया के रूप में शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से यह भवानीमंडी क्षेत्र से प्राप्त 145 वाँ नेत्रदान है, जिसके माध्यम से 290 से अधिक नेत्रहीनों को नई रोशनी दी जा चुकी है, भवानीमंडी एवं कोटा संभाग से शाइन इंडिया फाउंडेशन के द्वारा सर्वश्रेष्ठ उपयोगिता दर का कोर्निया संकलन करने के लिए डॉ कुलवंत गौड़ को मंगलवार को आई बैंक सोसायटी आफ राजस्थान के द्वारा जयपुर में सम्मानित किया गया है।
वहीं नेत्रदानी विमल सेठिया के पुत्र राहुल सेठिया ने बताया कि उनके पिता भवानीमंडी के नेत्रदान कार्यक्रम के समर्थक रहे हैं एवं उनकी अंतिम इच्छा भी नेत्रदान की रही है। पिता का नेत्रदान करके उनकी अंतिम इच्छा को पूर्ण करके परिवार ने एक आत्मिक संतोष को प्राप्त किया है।