पश्चिमी अफ्रीका के देश गिनी में रविवार को एक फुटबॉल मैच के दौरान भीषण हिंसा का सामना करना पड़ा। गिनी के दूसरे सबसे बड़े शहर एन’जेरेकोर में आयोजित इस मैच के दौरान फैंस के बीच झड़पें हुईं, जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इस हिंसा के कारण स्थानीय अस्पतालों में शवों की कतारें लग गईं, और मुर्दाघर भी भर गया।
स्थानीय अस्पतालों के सूत्रों ने एएफपी (एजेंसी फ्रांस प्रेस) को बताया कि इस घटना के बाद अस्पतालों में अत्यधिक दबाव बढ़ गया। एक डॉक्टर ने बताया, “जहां तक नजर जा रही है, वहां शवों की कतारें लगी हुई हैं, और कई शव अस्पताल के गलियारों में फर्श पर पड़े हुए हैं।” ये घटनाएं गिनी में फुटबॉल के प्रति फैंस के जुनून और उसपर बढ़ते गुस्से को दर्शाती हैं।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “यह सब रेफरी के विवादित फैसले से शुरू हुआ. फिर प्रशंसकों ने पिच पर हमला कर दिया.” स्थानीय मीडिया ने कहा कि यह मैच गिनी के जुंटा नेता ममादी डौंबौया के सम्मान में आयोजित एक टूर्नामेंट का हिस्सा था, जिन्होंने 2021 के तख्तापलट में सत्ता पर कब्जा कर लिया और खुद को राष्ट्रपति के रूप में स्थापित कर लिया.
हिंसा के शुरू होने की वजह को लेकर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यह मैच के रेफरी द्वारा दिए गए एक विवादित निर्णय के कारण हुआ। रेफरी के फैसले से नाखुश फैंस ने आक्रोशित होकर हिंसा शुरू कर दी। यह मैच गिनी के जुंटा नेता ममादी डौंबौया के सम्मान में आयोजित किया जा रहा था, और इसके कारण भी स्थिति और तनावपूर्ण हो गई थी। टूर्नामेंट की पृष्ठभूमि में बढ़ते राजनीतिक तनाव और खिलाड़ियों और दर्शकों के बीच बढ़ती उत्तेजना ने इस हिंसा को और भी भड़का दिया।
यह घटना गिनी में सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। फुटबॉल जैसे खेलों में अक्सर इस तरह के झगड़े होते हैं, लेकिन यह घटना अपनी भयावहता और मानविय क्षति के कारण विशेष रूप से चौंकाने वाली है। गिनी के अधिकारियों ने अभी तक इस हिंसा के मामलों में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही किसी प्रकार की जांच शुरू की जाएगी।