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शिकारी माता के मंदिर पहुंचे विक्रमादित्य सिंह, कभी पिता वीरभद्र सिंह ने मांगी थी मन्नत

शिकारी माता के मंदिर पहुंचे विक्रमादित्य सिंह, कभी पिता वीरभद्र सिंह ने मांगी थी मन्नत

मीडिया खतरों का खिलाड़ी

 राजेश कोछड़

मंडी- स्मार्ट हलचल/सातवें और आखिरी चरण में हिमाचल प्रदेश में चुनाव होना है। यहां 1 जून को वोटिंग होगी। इससे पहले राज्य में चुनाव प्रचार जोरों-शोरों से चल रहा है। हिमाचल की मंडी सीट सबसे हॉट सीट मानी जा रही है। यहां कांग्रेस की ओर से राज्य के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह मैदान में हैं तो वहीं बीजेपी ने बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत को टिकट देकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही है।

विक्रमादित्य सिंह मंडी लोकसभा सीट पर प्रचार के लिए अब प्रसिद्ध शिकारी माता मंदिर पहुंचे। यहां पर उन्होंने माथा टेका और अपने पिता को याद किया। विक्रमादित्य सिंह ने मंदिर में माथा टेकने के बाद सोशल मीडिया पर फोटो शेयर किए और बताया कि वर्ष 1989 में मेरे पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह बतौर मुख्यमंत्री मां शिकारी के दरबार में आए थे और पुत्र प्राप्ति की कामना की थी। तत्पश्चात उसके फलस्वरूप हमारा जन्म हुआ था। आज चुनावों की बेला के बीच मां के दरबार में शीश नवाया और विजय रथ पर स्वार होने का आशीर्वाद लिया। उसके बाद वीरभद्र सिंह यहां पर कई बार आए। साथ ही यहां पर हेलिपेड का भी निर्माण करवाया गया।

प्रियंका गांधी कल करेंगी दो बड़ी रैलियां
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की नेत्री प्रियंका गांधी कल मंडी संसदीय क्षेत्र में दो बड़ी चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगी। पहली रैली कुल्लू में होगी और दूसरी सुंदरनगर में होगी। लोगों में प्रियंका गांधी को सुनने को लेकर खासा उत्साह रहता है और कल बड़ी संख्या में माताएं-बहनें उन्हें सुनने के लिए आएंगी। उन्होंने कहा कि अभी तक उनका जो भी प्रचार रहा उसमें उन्हें जनता की तरफ से भरपूर समर्थन मिला है। मैंने संकल्प लिया है कि सांसद बनने के बाद मंडी संसदीय सीट की सड़कों पर एक भी बेसहारा गाय नजर नहीं आएंगी। सभी को उचित ठीकाना मुहैया करवाया जाएगा।

आरएसएस के नेता ही लड़ रहे कंगना के खिलाफ चुनाव
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आज आरएसएस के पूर्व प्रचारक ही यूपी से मंडी आकर कंगना के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। आज भाजपा और उससे जुड़े संगठनों को यह सोचने की जरूरत है कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों आई। आज यह आजाद प्रत्याशी देव संस्कृति की बात करने के साथ साथ कंगना के खान पान को लेकर भी जो बातें कर रहे हैं उनपर भाजपा को चिंतन करने की जरूरत है। भाजपा को आखिर ऐसी कौन सी नौबत आ गई कि उन्हें बाकी नेताओं और कार्यकर्ताओं को दरकिनार करके एक ऐसे प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारना पड़ा जो उनके लिए गले की फांस बन गई है।

कहां है शिकारी देवी मंदिर
बता दें कि शिकारी देवी मंदिर मंडी जिले की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है। यह मंडी से करीब 90 किमी दूर है। यहा पर जैंजगली वैली में आते है। मंदिर तक सड़क मार्ग है। लेकिन बर्फबारी के चलते यह सड़क सर्दियों में बंद हो जाती है। हर साल यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालू आते हैं। अहम बात है कि मंदिर पर छत नहीं हैं और यहां पर मां की मूर्तियां रखी गई हैं। पैदल ट्रैकिंग के जरिये भी यहां पर पहुंच सकते हैं।

कौन हैं विक्रमादित्य सिंह
कांग्रेस की सुक्खू सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह का जन्म 17 अक्टूबर, 1989 को शिमला में हुआ। शिमला के बिशप कॉटन स्कूल प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई की। विक्रमादित्य ने हिस्ट्री में ग्रेजुएट हैं। विक्रमादित्य के पिता दिवगंत वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनकी मां प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और मंडी से मौजूदा सांसद हैं। विक्रमादित्य सिंह मौजूदा समय में शिमला ग्रामीण सीट से विधायक हैं। वह यहां से दूसरी बार विधायक बने हैं। विक्रमादित्य सिंह की एक बड़ी बहन है। वह वीरभद्र सिंह की दूसरी पत्नी के बेटे हैं।

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