स्मार्ट हलचल/बाड़मेर जिला परिषद के सभागार में आईटीसी मिशन सुनहरा कल, जिला परिषद बाड़मेर और फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय संयुक्त क्षमता वर्धन कार्यक्रम आयोजित किया गया यह कार्यक्रम जिला प्रमुख श्री महेन्द्र चौधरी की अध्यक्षता में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमे प्रमुख साहब ने बताया कि हम सब की बाड़मेर के विकास में अहम भूमिका है मनरेगा के तहत चारागाह का विकास करना उसमे स्थानीय प्रजातियों के पौधे व धास लगाना चाहिए
डिम्पल एफ ई एस ने बताया कि राजस्व ग्राम में चारागाह विकास समिति का गठन राजस्थान पंचायती राज एक्ट 1996 के धारा 170 ( 1) तहत किया जाना है 2017 के पालना में बंजर भूमि एवं चारागाह विकास समिति का गठन जिला,पंचायत समिति, ग्राम पंचायत में किया गया है इन कमेटी के कार्यो को विस्तार से बताया गया सविधान में शामलात संसाधनों के लिए विभिन्न प्रावधानों व सुप्रीम कोर्ट फैसले पर चर्चा व राजस्थान पंचायती राज कानून द्वारा शामलात सरक्षण सम्बन्धित पंचायतो को दी गई शक्तियों के बारे में बताया गया त्रि स्तरीय बंजर भूमि एवं चारागाह विकास समितियों की भूमिका उत्तरदायित्वों पर समझ ग्राम स्तर पर चारागाह विकास समितियों के गठन की प्रक्रिया उपरोक्त समितियों के बीच पूरक सहसम्बन्ध एवं समन्वयन पर समझ विकसित पर चर्चा की गई सीईओ सर श्री रवि कुमार ने बताया कि मनरेगा में स्वीकृत सभी चारागाह को समय पर तैयार करे व स्थानीय पौधे व घास लगाई जावे उसके साथ साथ मे हर ग्राम पंचायत स्तर पर एक नर्सरी का भी विकास करना है
इस अवसर पर के नरेगा AEN, JEN, JTA , वाटरशेड विभाग के साथ नोडल सहायक विकास अधिकारी सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित लगभग 196 प्रतिभागीयों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
इस प्रशिक्षण में अभियन्ता नरेगा श्री अक्षय पांचाल ने बताया कि सरकार द्वारा नर्सरी विकास एवं बीज बैंकों द्वारा जो टास्क जिले को दिया गया उस पर विस्तार से बताया एवं इस प्रशिक्षण के महत्व के बारे में चर्चा की। इसके बाद एफईएस जिला प्रशिक्षण समन्वयक हाकम सिंह राठौड़ द्वारा सामूहिक क्षमता वर्धन कार्यक्रम के विषय में पूर्ण जानकारी प्रदान की गई तथा पिछले वर्षों में हुई प्रगति को भी सभी के साथ साझा किया।
इस प्रशिक्षण के अंतर्गत डॉ सतीश शर्मा द्वारा बीज संग्रहण एवं पौधशाला विकास विषय पर सघन प्रशिक्षण प्रदान किया।
डॉ सतीश शर्मा ने प्रशिक्षण को आगे बढ़ाते हुए बीज को इकट्ठा करना क्यों जरूरी है लोकल बीज का क्या महत्व है कौन से बीज इकट्ठे करने योग्य हैं इस विषय पर उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारी दी इसी के साथ उन्होंने नर्सरी विकास की तकनीकी जानकारी भी पर विस्तार से बताया।
प्रशिक्षण में वाटरशेड के अभियन्ता श्री हनुमान राम चौधरी ने बताया कि जिले में 7 बीज बैंक बनाई गई है बीज बैंक एवं नर्सरी विकास में भूमिका के बारे में विस्तार पूर्वक बताया एवं
कार्यक्रम के अंत में जिला प्रशासन की ओर से अक्षय पांचाल ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित कर इस सत्र का समापन किया। एफईएस से श्रवण कुमार, केशर सिंह , अशोक कुमार उपस्थित रहे