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जल एवं स्वच्छता संस्थान की कैग ऑडिट क्यों नहीं,Water and Sanitation Institute

Water and Sanitation Institute

जल एवं स्वच्छता संस्थान की कैग ऑडिट क्यों नहीं,Water and Sanitation Institute

जयपुर/ भीलवाड़ा/(महेन्द्र नागौरी)

स्मार्ट हलचल /राजस्थान सरकार के विभाग जल एवं स्वच्छता संस्थान (WSSO) के द्वारा नियंत्रक एवं ओडिटर जनरल भारत सरकार द्वारा जांच नहीं करवाने पर पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई और संस्था की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी एवं एडवोकेट टी एन शर्मा ने न्यायालय को बताया कि जल एवं स्वच्छता संस्थान (WSSO) को सैंकड़ो करोड़ का सरकारी फंड दिया गया था मगर जल एवं स्वच्छता संस्थान (WSSO) जो एक सरकारी संस्थान है और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीन कार्य करता है एवम इस संस्थान को राज्य तथा केंद्र सरकार से काफी बजट मिलता है और अरबों रुपए खर्च करने के बाद सरकारी संस्था से ऑडिट नहीं करवाता है जबकि CAG act की धारा 14(1) के अनुसार जिस सरकारी संस्थान को राज्य सरकार या केंद्र सरकार से 25 लाख से अधिक का फंड मिलता है तो उसकी CAG ऑडिट आवश्यक हैं l इसके साथ ही राज्य सरकार के नियम GF & AR के नियमो के अनुसार राज्य के सभी फंड की ऑडिट राज्य सरकार के विभाग से करवाया जाना आवश्यक हैं लेकिन जल एवं स्वच्छता संस्थान (WSSO) को सैंकड़ो करोड़ का सरकारी फंड दिया गया था मगर जल एवं स्वच्छता संस्थान (WSSO) ने जानबूझकर ओडिटर जनरल भारत सरकार से जांच नहीं करवाई और एक प्राइवेट चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट करवा कर इतिश्री कर ली
जबकि राज्य सरकार के GF &AR या CAG act के बारे में प्राइवेट चार्टर्ड अकाउंटेंट को कोई जानकारी नहीं है, संस्था ने राज्य सरकार, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल एवं स्वच्छता संस्थान व CAG को लीगल नोटिस दिया था लेकिन संस्थान ने कोई जवाब नहीं दिया और इस प्रकार करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है।
राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल एवं स्वच्छता संस्थान (WSSO) एवम CAG को कारण बताओ नोटिस जारी किया हैं और तीन सप्ताह हफ्ते में जवाब मांगा हैं l

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