भिवाड़ी में जल भराव की समस्या को लेकर मुख्य सचिव ने ली बैठक
संजय बागड़ी
(भिवाड़ी/खैरथल)स्मार्ट हलचल/दिल्ली जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 पर राजस्थान सीमा पर स्थित धारूहेड़ा के नजदीक भिवाड़ी कस्बे में जलभराव की स्थिति की समीक्षा एवं समस्या के समाधान को लेकर जयपुर में मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार सुधांश पंत की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक के प्रारम्भ में प्रमुख शासन सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग अजिताभ शर्मा द्वारा भिवाड़ी एवं इसके आसपास के क्षेत्र में जलभराव की समस्या के कारणों, वर्तमान में व्याप्त दूषित जल भराव तथा शहरी सीवरेज उपचार के संसाधनों आदि के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि भिवाडी क्षेत्र में जल भराव की समस्या का प्रमुख कारण औद्योगिक व शहरी विकास की वजह से दूषित पानी का अत्यधिक एकत्रीकरण तथा इस जल के उपचार पश्चात् शोधित जल में कतिपय औद्योगिक इकाईयों एवं घरों द्वारा पुनः दूषित जल मिला दिया जाना है। भिवाडी क्षेत्र में औद्योगिक इकाईयों एवं घरों से निकलने वाले दूषित जल के शोधन हेतु संचालित सीईटीपी एवं एसटीपी को आदर्श रूप से संचालित करने एवं शोधित जल के उचित उपयोग एवं डिस्चार्ज हेतु सतत निगरानी किये जाने की नितान्त आवश्यकता बताई।
आगे उन्होंने बताया कि उद्योगों से निकलने वाले केमिकल युक्त दूषित जल को एकत्रित कर शोधित करने और उपचारित जल के पुनः प्रयोग के लिए परिवहन प्रणाली के साथ ही मौजूदा 6 एमएलडी सीईटीपी संयत्र को शून्य निस्त्राव संयंत्र का उन्नयन किया जा चुका है एवं पूर्णतः उपचारित पानी (RO द्वारा शोधित) को पुनः औद्योगिक इकाईयों को आपूर्ति किये जाने का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है जिससे इस समस्या के समाधान में सहयोग मिलेगा।
समस्या को लेकर प्रमुख शासन सचिव, नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग टी. रविकान्त ने अवगत कराया कि नगर परिषद्, भिवाडी द्वारा वर्तमान में घरेलू दूषित पानी के शोधन हेतु 9.5 एमएलडी क्षमता के 4 एसटीपी संचालित किये जा रहे है, जिनके द्वारा प्रतिदिन 7 एमएलडी से अधिक दूषित पानी का शोधन किया जा रहा है। अमृत -2 योजना के अन्तर्गत नगर परिषद्, भिवाडी द्वारा 34 एमएलडी क्षमता का नया एसटीपी भी लगाया जाना प्रक्रियाधीन है।
जिला कलेक्टर ने भी प्राथमिकता से लिया समस्या की गंभीरता को
जिला कलक्टर खैरथल – तिजारा हनुमान मल ढाका ने बताया कि भिवाडी क्षेत्र में जल भराव का मुख्य कारण शोधित जल का उचित उपयोग नही हो पाना है। शोधित जल की निकासी खुली नालियों के द्वारा होने के कारण इसमें कई स्थानों पर घरों एवं फैक्ट्रियों का दूषित जल भी मिल जाता है जिससे जल शोधन की पूरी प्रक्रिया ही निष्प्रभावी हो जाती है। हरियाणा की तरफ स्लोप होने के कारण पानी प्राकृतिक रूप से भी धारूहेडा की तरफ प्रवाहित होता है तथा हरियाणा के निवासियों द्वारा एनएच – 919 पर अवरोध कर देने से हरियाणा की सीमा पर भिवाडी में जल भराव की समस्या पैदा हो गई है।
उन्होंने समस्या के समाधान हेतु बताया कि भिवाडी क्षेत्र में विभिन्न क्षमताओं के एसटीपी लगाये जाने उचित होंगे, जिससे शोधित जल का स्थानीय क्षेत्र में उपयोग भी हो सके साथ ही जल भराव की समस्या से भी निजात मिल सकेगी।