ओम जैन
स्मार्ट हलचल/आज देख रहे है देश के हालात क्या हो रहे है, हम भारत मे तो है लेकिन भारतीय होने का सबूत नहीं दे पा रहे है, आज कोई भी दंगा हुआ पुलिस कि गाड़िया, चौकी, थाने, सरकारी अस्पताल, रेल कि पटरीया उखाडना, जैसे कई कार्य जो हम आवेश मे आकर कर बैठते है जिससे सीधा सीधा नुकसान राष्ट्र को हो रहा और इसका सबसे बड़ा कारण हमारे अंदर राष्ट्रीयता कि भावना का ना होना, सच कहे तो हम राष्ट्रीयता के बिना जी रहे है।
आप पटरी उखाड़ने से पहले ये नहीं सोचते कि कई लोगों के जीवन खतरे मे आ सकते है, पुलिस पर पथराव, गाड़ी या चौकी थाने जलाने से पहले ये नहीं सोचते कि पुलिसकर्मी भी किसी के बेटे, भाई, पति या पिता है, जिनकी जान तक जा सकती है, वही जिस हॉस्पिटल मे तोड़फोड़ कर देते उसमे किसी मरीज का ईलाज हो रहा होगा या होना होगा लेकिन आपके कारण कई लोगों कि जान संकट मे पड़ सकती है, लेकिन ये सोचेंगे कब, आप सोचते होंगे कि ये सब करने से सरकार को नुकसान होगा, सरकार दबाव मे आएगी तो ये आपकी गलतफहमी है ये सरकार का नहीं स्वयं का नुकसान हो रहा है, आमजनता का नुकसान हो रहा है, क्योंकि कोई भी सरकार या नेता अपने घर से कुछ नहीं लाते वो तो और लेकर ही जाते है ये सब हर भारतीय कि खरी मेहनत के पैसे का है हमारे से लिए जाने वाले टेक्स का है फिर हम हमारा ही नुकसान क्यो कर रहे, क्या राष्ट्र किसी और का है नहीं ना तो फिर राष्ट्र हमारा, पैसा हमारा सभी लोग हमारे फिर क्यो नहीं पैदा हो रही हमारे अंदर राष्ट्रीयता, आखिर राष्ट्र प्रेम का भाव हमारे अंदर कब आएगा, कही वो राष्ट्र प्रेम आते आते समय वो ना आ जाए जब कुछ बचे ही नहीं, हमें आपस मे लड़ने के बजाय राष्ट्र के लिए लड़ना है, राष्ट्र हमारा है और राष्ट्र कि सम्पत्ति हमारी है, ये भावना हमें स्वयं अपने अंदर पैदा करनी होंगी, ताकि हमारे अंदर जो अभी राष्ट्रीयता कि कमी है वो ना रहकर हम राष्ट्र प्रेमी बन सके।