मेरठ@स्मार्ट हलचल|भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद् एवं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘वैष्विक शांति एवं एकात्म मानव दर्शन: समकालीन परिप्रेक्ष्य’’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. जनक सिंह मीना, नेपासी अध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष गांधीवादी विचार एवं शांति अध्ययन विभाग, गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने अपने व्याख्यान में कहा कि यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण एवं प्रासांगिक है और हमें समस्याओं का हल ‘भारतीयत्व’ में ढूंढने की आवश्यकता है। प्रो. मीना ने कहा कि वर्तमान में पूरी दुनिया में राजनीतिक तनाव, सांस्कृतिक विघटन, नैतिक संकट एवं पर्यावरणीय असंतुलन की चुनौतियां हैं, इसके लिए हमें समग्र समाधान प्रस्तुत करने की जरूरत हैं। पं. दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित एकात्म मानव दर्शन आज के वैश्विक परिदृष्य में अत्यंत सार्थक एवं प्रासांगिक साबित हो रहा है। प्रो. मीना ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में सभी समस्याओं का समाधान विद्यमान है और भारत सदैव अमन चैन, शांति, विशवबंधुत्व, वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा के साथ आगे बढ़ा है। वैश्विक शांति के लिए न्याय, समरसता, समानता और टिकाऊ विकास की स्थिति की जरूरत है। प्रो. मीना ने कहा कि आज हमें युद्ध की नहीं अपितु महात्मा बौद्ध के विचारों को अपनाने की जरूरत है।