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पिछड़े वर्गों के कल्याण और अधिकारों की रक्षा में आयोग निभाएगा महत्वपूर्ण भूमिका – अध्यक्ष राजेश वर्मा

सदस्यों को जिलावार जिम्मेदारी देकर पिछड़े वर्गों की शिकायतों का होगा समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण – अध्यक्ष राजेश वर्मा

समर्थ कुमार सक्सेना
लखनऊ। स्मार्ट हलचल/उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष राजेश वर्मा ने मंगलवार को इंदिरा भवन, लखनऊ में आयोग की मासिक बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उपाध्यक्ष सोहन लाल श्रीमाली, सूर्य प्रकाश पाल सहित अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य पिछड़े वर्गों की समस्याओं का समाधान और उनके समग्र विकास के लिए आयोग की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना था।

अध्यक्ष राजेश वर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशों के तहत पिछड़े वर्गों के कल्याण और उनके अधिकारों की सुरक्षा में आयोग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के लोगों को आयोग से बहुत उम्मीदें हैं और हम इन उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। शिकायतों और आवेदनों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हमारी प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि आयोग के कार्यों को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए सदस्यों को जिलावार जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिससे प्रमाण पत्र प्राप्त करने में किसी भी जिले में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। उन्होंने सभी शिकायतों के त्वरित निस्तारण का भी निर्देश दिया ताकि लोगों को अनावश्यक देरी का सामना न करना पड़े। आयोग का उद्देश्य सिर्फ शिकायतों का समाधान करना नहीं है, बल्कि पिछड़े वर्गों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए ठोस कदम उठाना भी है। आयोग समय-समय पर पिछड़े वर्गों की सूची का पुनरीक्षण करेगा, ताकि नए वर्गों को सम्मिलित किया जा सके और जो वर्ग अब पिछड़े नहीं रहे उन्हें सूची से हटाया जा सके। इस दिशा में आयोग लगातार सिफारिशें करेगा और उनके प्रभावी क्रियान्वयन की निगरानी करेगा।

बैठक में पिछले फैसलों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और भविष्य के निर्णयों पर चर्चा की गई। बैठक के एजेन्डा में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये जिसमें हिन्दू दर्जी सक्सेना और मुस्लिम दर्जी इदरीसी को अलग-अलग कमांक पर दर्ज करने के मुद्दे पर आयोग ने निर्णय लिया कि उपजाति/उपनाम जोड़ने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है। इसलिए प्रतिवेदनकर्ता के अनुरोध को सर्वसम्मति से निरस्त कर दिया गया। लोनिया जाति को क्षत्रिय के रूप में दर्ज करने के मुद्दे पर आयोग ने लोनिया जाति को क्षत्रिय के रूप में दर्ज करने का औचित्य नहीं पाया और सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। शिववीर सिंह और अन्य के प्रार्थना पत्र पर विचार करते हुए आयोग ने पिछली संस्तुतियों को यथावत लागू करने का निर्णय लिया और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पुनर्विचार हेतु पहले से की गई सिफारिशें लागू करने का निर्देश दिया।

राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को पिछड़े वर्गों के हितों की सुरक्षा, उनके अधिकारों की रक्षा और उनके कल्याण के लिए महत्वपूर्ण शक्तियां दी गई हैं। आयोग का कार्य पिछड़े वर्गों की समस्याओं की जांच करना, उनके लिए कल्याणकारी योजनाओं का निरीक्षण और मूल्यांकन करना और समय-समय पर राज्य सरकार को सलाह देना है। आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी प्रकार से पिछड़े वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित न किया जाए।

इस बैठक में सदस्यों ने अपनी राय व्यक्त की और उनके सुझावों पर उच्चस्तरीय विचार-विमर्श करने का आश्वासन दिया गया। आयोग ने यह स्पष्ट किया कि पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा और उनके विकास के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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