महोत्सव के अवसर पर जिनालयों में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए
शिवप्रकाश चौधरी
स्मार्ट हलचल,केकड़ी। दिगम्बर जैन समाज द्वारा गुरुवार को जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का जन्म एवं तप कल्याणक महामहोत्सव दिवस बड़े ही हर्षाेल्लास, भक्तिभाव से विविध धार्मिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। इस मौके पर शहर के सभी दिगम्बर जैन मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं द्वारा मंत्रोच्चार के साथ जिनेन्द्र भगवान का महामस्तकाभिषेक और शांतिधारा के पश्चात अष्ट द्रव्यों से विशेष पूजा अर्चना की गई। शहर के बोहरा कॉलोनी स्थित ऋषभदेव जिनालय में मंदिर प्रबंध कमेटी के संयोजन में आयोजित इस महोत्सव के पूर्व संध्या पर शुभकामना परिवार एवं स्वस्ति बालिका मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में भगवान ऋषभदेव की महाआरती, पालना झुलाना सहित विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत एक से बढ़कर एक मनमोहक नृत्य नाटिकाएं और शिक्षाप्रद हास्य व्यंग्य नाटिकाएं प्रस्तुत की गई।
गुरूवार को प्रातः सवा 5 बजे प्रभात फेरी निकाल कर भगवान आदिनाथ के जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव का शुभारंभ हुआ। जिनेन्द्र प्रभु के अभिषेक की प्रकिया में मंगलाष्टक पाठ, अभिषेक पाठ सहित विशेष मंत्रोच्चारण के बीच स्वर्ण और रजत कलशों से आदिनाथ भगवान का मस्तकाभिषेक किया गया। भगवान आदिनाथ का प्रथम अभिषेक और शांतिधारा करने का सौभाग्य महावीर प्रसाद, पदम कुमार, अक्षत, सम्यक कासलीवाल परिवार को मिला। साथ ही प्रथम अभिषेक करने का लाभ प्रतीक छाबड़ा परिवार को मिला। आदिनाथ भगवान की दूसरी ओर से शांतिधारा करने का सौभाग्य पदम कुमार, विनय कुमार कटारिया परिवार को मिला। पाण्डुक शिला पर विराजमान कर जिनेन्द्र प्रभु की शांतिधारा करने का सौभाग्य ज्ञानचंद, अशोक कुमार, हिमांशु, शुभम सिंधल, विमल कुमार, राजेंद्र कुमार, रमेश चंद जैन, प्रभात चंद, सुबोध कुमार, अशोक कुमार, राकेश कुमार कासलीवाल, प्रेमचंद, महेन्द्र कुमार, कमल कुमार, शुभम बड़जात्या परिवारों को मिला।
भगवान आदिनाथ की महाआरती करने का सौभाग्य कपूर चंद, योगेश कुमार, राकेश कुमार जैन परिवार को मिला। इस अवसर पर भगवान के छत्र चढाने और चंवर ढूराने के मंत्र के बाद अर्धावली के विशिष्ट अर्घ्य भगवान को समर्पित किए गए। प्रातः साढ़े 8 बजे भगवान को रथ में विराजमान कर नगर में शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में जिनेन्द्र प्रभु के रथ को चलाने में सारथी बनने का सौभाग्य प्रभात चंद, सुबोध कुमार, अशोक कुमार, राकेश कुमार कासलीवाल परिवार को मिला। शोभायात्रा बोहरा कॉलोनी स्थित ऋषभदेव मंदिर से रवाना होकर जूनिया गेट, आदिनाथ मंदिर, धंटाधर, चंद्रप्रभु चौत्यालय, पार्श्वनाथ मंदिर, सब्जी मंडी, गणेश प्याऊ, सदर बाजार, अजमेरी गेट, तीन बत्ती, जयपुर रोड होते हुए पुनः ऋषभदेव जिनालय पहुंचकर सम्पन्न हुई।
जुलूस का जगह जगह श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत किया गया। शोभायात्रा में शामिल महिलाएं एवं पुरुष हाथो में जैन धर्म के प्रतीक पचरंगी ध्वज लेकर चल रहे थे। दोपहर में आदिनाथ महामंडल विधान का आयोजन पंडित अंकित जैन शास्त्री के विधानाचार्यत्व में किया गया। जिसमें सैकड़ों महिला पुरूषों ने प्रभु भक्ति करते हुए जल, चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य,दीप, धूप, फल, अष्ट द्रव्यों से विशेष पूजा अर्चना कर श्रीफल अर्घ्य अर्पित किये। मंडल पर मांगलिक क्रियाओं एवं मुख्य मंगल कलश स्थापना करने के लिए सौधर्म इन्द्र बनने का सौभाग्य निर्मल कुमार जैन को मिला। सायंकालीन दिगम्बर जैन महिला महासमिति के तत्वावधान में भगवान आदिनाथ की महाआरती एवं रिद्धि सिद्धि दायक मंत्रों से युक्त असीम कालीन भक्तामर स्तोत्र के प्रत्येक अडतालीस श्लोकों पर रजत दीप प्रज्ज्वलित कर संगीतमय विशेष भक्ति पूर्वक भगवान ऋषभदेव की आराधना की गई। ऋषभदेव जिनालय को जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव को लेकर आकर्षक रोशनी से सजाया गया।