गुइलेन-बैरी सिंड्रोम क्या है?
गुइलेन-बैरी सिंड्रोम या जीबीएस यह एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की इम्यूनिटी गलती से अपने ही पेरिफेरेल नसों पर हमला कर देती है. इससे मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्न हो जाना औक पैरालाइसिस हो सकता है. यह आमतौर पर शुरुआती इलाज से ही इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है और 2-3 हफ्ते के अंदर रिकवरी भी देखने को मिलती है. ज्यादातर मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं. हालांकि, कुछ मरीजों में बाद में भी कमजोरी की शिकायत बनी रहती है.
शरीर की इम्युनिटी ही दुशमन :
एक न्यूरोलॉजिकल डिजीज है और इस बीमारी से पीड़ित होने पर मरीज में पैरालिसिस के लक्षण देखने को मिलते हैं. डॉक्टर का कहना है कि जब मरीज़ इस बीमारी की चपेट में आता है तो शरीर इस बीमारी के बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए इम्युनिटी जनरेट करता है. कई बार यह इम्युनिटी बैक्टिरिया को खत्म करने के बाद न्यूरो की पेरीफेरल नसों पर हमला कर देती है, जिसके कारण शरीर की मांसपेशियों में कमजोरी और सुन्नता आ जाती है और कुछ मामलों में मरीज पैरालिसिस हो जाते हैं.
ये लक्षण :
- शरीर में ब्लड प्रेशर अचानक घटने और बढ़ने लगता है
- हार्ट बीट अचानक बढ़ने लगती है
- शरीर में कमजोरी आने लगती है
- हाथ पैरों में सुन्नता बढ़ने लगती है
- कुछ मामलों में उल्टी दस्त और बुखार के लक्षण देखने को मिलते है
चिकित्सकों का कहना है कि बाहर के खाने और पीने की वस्तुओं से बचाव जरूरी है और जरूरत पड़ने पर ही बाहर का खाना या पानी पीना चाहिए. घर में भोजन साफ और स्वच्छ बनाना जरूरी है और कोई भी खाद्य वस्तुओं खाने से पहले या फिर बनाने से पहले हाथ धोना काफी जरूरी है
गुइलेन बेरी सिंड्रोम?
गुइलेन बेरी सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से अपनी ही पेरीफेरल नसों पर हमला करने लगती है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी और सुन्नता आ जाती है।
चलने-फिरने में दिक्कत
चिकित्सकों ने सलाह दी है कि किसी भी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सा परामर्श लें। प्रशासन भी इस बीमारी की रोकथाम के लिए विशेष सतर्कता बरत रहा है।
जयपुर: पुणे के बाद अब जयपुर में “गुइलेन-बैरी सिंड्रोम” के मामले सामने आए हैं, जिसके बाद चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है. राजस्थान में इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. इस बीमारी से पीड़ित तीन मरीज जयपुर में चिन्हित किए गए हैं. SMS मेडिकल कॉलेज की लैब में जांच में कैम्पिलोबैक्टर की पुष्टि हो चुकी है. पूरे राजस्थान में इसे लेकर अलर्ट भी कर दिया गया है.
महाराष्ट्र के पुणे में बढ़े मामले
बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे में गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी ने राज्य की चिंता बढ़ा दी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुइलेन बैरे सिंड्रोम के संदिग्ध और पुष्टि किए गए मामलों में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन के लिए राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों का समर्थन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक टीम को पुणे में तैनात किया है।