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क्या होगा चित्तोड़ का ना कोई सुनने वाला, ना करने वाला, सब अपनी दुकानें चला रहे

ओम जैन
स्मार्ट हलचल/प्रदेश का एक ऐसा जिला और शहर जहाँ मानो ना सरकार है ना राज, यहाँ कहने को तो भाजपा के मंत्री, भाजपा सांसद है, भाजपा समर्पित विधायक है, भाजपा जिला प्रमुख, प्रधान सब है ये सब क्या जनता के लिये नही है।चित्तौड़ के हालात तो इतने खराब है कि यहाँ जनता कि तो छोड़ो कोई कार्यकर्ताओ कि सुनने वाला नही है, जनता से ज्यादा तो भाजपा के कार्यकर्ता ही परेशान है, इनको ऐसा लगता जैसे हमारी सरकार ही नही है, नीचे के स्तर के हजारों कार्यकर्ता परेशानी के साथ नाराजगी लेकर बैठे जिनकी कोई सुनने वाला ही नही। विकास के नाम पर तो पिछड़ा हुआ है, फिर जनता सोचती कि हमने कहा गलती कि समझ नही आ रहा और उससे ज्यादा अफसोस तो कार्यकर्ताओ को है कि अपनी सरकार तो है लेकिन अपनी ही नही चलती ना कोई सुनता, अभी ट्रांसफर के लिए भी कई बड़े पदाधिकारियों ओर कार्यकर्ताओ को भटकते ओर जनप्रतिनिधियों के घर व कार्यलयों के चक्कर लगाते देखा गया लेकिन नेताओ को समय कहा, ज्यादातर नेता तो अपने ठेका चलाने में ही व्यस्त है फिर जनता और कार्यकर्ताओं को तो भटकना ही पड़ेगा ना, कुछ ऐसे भटकते भटकते पदाधिकारी जो वीरधरा तक पहुचे ओर नाम नही बताने कि बात कहते हुए बोले भाई साहब अभी जैसे चित्तोड़ में हालात हो रहे इससे बढ़िया तो पिछली कोंग्रेस सरकार ही थी जहाँ सुनवाई भी हो जाती थी और काम भी, अभी तो काम करना तो दूर कोई सुनने वाला नही है, गांव से लेकर दुर्ग तक सब तरफ अवैध ही अवैध लेकिन इसे भी सफेदपोश द्वारा बैठकर वेध में एमएनपी किया जा रहा, कार्य लाखो का नही होता श्रय लेने दर्जनों आ जाते, किसान दुखी, गरीब दुखी, युवा दुखी, आमजन, कार्यकर्ताओ ओर यहाँ तक कि क्षेत्र के कही अधिकारी इन नेताओं से दुखी, फेक्ट्रियो में जरूर सत्ता पक्ष के ये बड़े नेता अपना पूरा दबाव बनाए हुए है, एक ही उद्देश्य क्षेत्र का विकास तो बाद में भी कर लेंगे पहले अपनी सरकार है अपना विकास कर लेते है ऐसे में चित्तोड़ के साथ साथ जिलेभर में हालात अभी काफी खराब है, आखिर कौन इन मतदाताओं का धनी धोरी, कोन सुनेगा उनकी जो बरसो से पार्टी कि जाजम उठाते आ रहे है, कल परसो के आये वो लक्ष्मी के लाल बन गए और जो पार्टी के स्तम्भ उनको कोई पूछने वाला ही नही, कोई उनकी पीड़ा तो सुन लो नही तो समस्या और गम्भीर होती जाएगी, ऐसे कई लोगों से बात करने पर सामने आया कि इन नेताओं को किसी कि सुनने कि, जनता की सेवा कि फुर्सत नही।
वही ऐसे मौके पर हमने कोंग्रेस पाले के बड़े नेताओं से भी चर्चा कि तो उनका कहना कि ये नेता सिर्फ जनता को लूटने का काम कर रहे, जनता कि सेवा तो भूल ही गए, सब अपनी दुकानें चला रहे, कोंग्रेस राज में जो काम हुए ऐतिहासिक थे और रहेंगे, कोंग्रेस राज में कार्यकर्ता से जनता तक सबकी सुनी जाती और सभी उचित काम भी समय पर हो जाते थे, यहाँ तो कोई सुने तो काम हो, इनके राज में इनके खुद के कार्यकर्ता ही परेशान है तो जनता का क्या कल्याण करेंगे।

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