Homeसोचने वाली बात/ब्लॉगतेरा क्या होगा भूरिया

तेरा क्या होगा भूरिया

मुकेश “कबीर”

स्मार्ट हलचल|आज सुबह सुबह बेधड़क भोपाली घर आ गए,फाटक खोले बिना ही भीतर घुसने लगे तो हमने टोका कि चच्चा घर में घुसने का नियम भूल गए क्या ,पहले बजाओ फिर धकियाओ तब अंदर आओ लेकिन तुम तो सीधे ही ऐसे आ रहे जैसे पाकिस्तान में हमारी मिसाइलें घुसी थीं,सीधे बेडरूम में।
लेकिन वो ठहरे बेधड़क, जैसे तैसे भीतर घुसे और गेट से ही चिल्लाने लगे “अरे खां आजकल अमरीका वाले भूरा भाई का रवैया कुछ समझ नि आ रिया है जैसे हमारे देश में कभी कभी स्कूटी की चाल समझ नहीं आती कि किधर जा रई है और किधर ठुकेगी,किसी को पता नई रेता, बिल्कुल ऐसे ई भूरा भाई अब किसके बारे में क्या बोलेंगे कोई सोच नहीं सकता, कभी बोल देते हैं पाकिस्तान हमला करने वाला है भारत पर जबकि यह खबर पाकिस्तान को भी टीवी देखकर पता चलती है ,उधर पाकिस्तान कहता है कि भूरा भाई हमने तो अभी तक फुलझड़ी में तेल भी नहीं डलवाया,तेल की याद आते ही भूरा भाई कह देते हैं कि भारत अब रशिया से तेल नहीं खरीदेगा जबकि भारत और रशिया दोनों ने इस बारे में कोई पर्सनल चैटिंग भी नहीं की,आखिर भूरा भाई को हो क्या गया है ? आप ज़रा पता तो करो,अपने अमेरिकी दोस्तों को फोन वोन लगाओ, भूरा भाई भोपाल में होते तो हम तो सब पता लगा लेते एक झटके में ।”
हमने उन्हें इत्मीनान से बैठाया और कहा चचा,अमेरिका वालों को भी नहीं पता कि भूरा भाई को आजकल हुआ क्या है,उधर के लोग भी परेशान हैं तो बेधड़क बोले कि भाई,हमें तो ऐसा लगता है कि “इस बीमारी का नाम सिरफ़ हमारे देश वालों को पता है,अमेरिका वाले नहीं समझ पाएंगे,इस हालत को हमारे गांव में सठियाना कहते हैं और हमें तो पक्का यही लगता है कि भूरा भाई सठिया गए हैं।”
तब हमें चचा की बुद्धिमानी पर उतना ही गर्व हुआ जितना पप्पू के पास होने पर अपनी भूरी काकी को होता।
खैर,आज चच्चा ने बात बहुत करेक्ट बोली है , भूरा भाई पक्के में सठिया ही गए हैं,इसीलिए कुछ भी बत्ती देते रहते हैं,आज उनकी हालत देखकर हमें समझ आया कि अमेरिका वाले किसी को भी तीसरी बार राष्ट्रपति क्यों नहीं बनाते ? जबसे भूरा भाई दूसरी बार प्रेसिडेंट बने हैं तब से ही उनके साथ कुदरत ने कुछ अच्छा नहीं किया,सबसे पहले तो यूक्रेन वाले ने ही भूरा भाई को खरी खोटी सुना दी,वो भी उनके ही घर में बैठकर,ये बिल्कुल ऐसा ही था जैसे कोई चींटी किसी हाथी की नाक में काटकर उसे बावला कर दे,फिर वो दौड़ दौड़कर सूंड हिलाता रहता है और कोई समझ नहीं पाता कि मामला क्या है और हाथी को पकड़कर चींटी निकालने की हिम्मत भी किसी में होती नहीं है,यही सब भूरा भाई के साथ हुआ उनके सामने कोई जाता नहीं है और वो भी सूंड हिलाना छोड़ते नहीं,हर जगह फंसाते रहते हैं,आखिर खुजली और जलन ही इतनी है । और जलन हो भी क्यों नहीं क्योंकि उनकी कोई सुन नहीं रहा। खुद ही सुनाते फिर रहे हैं,कभी बोलते हैं मैंने भारत पाकिस्तान की लड़ाई रुकवाई,अरे अंकल करवाई किसने थी ये भी तो बताओ? जब उनकी बात किसी ने नहीं सुनी तो पाकिस्तान वाले से कहलवा दिया कि लड़ाई भूरा भाई ने रुकवाई लेकिन वो यह भूल गए कि जब मालिक की बात ही कोई नहीं मान रहा तो उनके पपी की बात कौन मानेगा ? और वो भी कब तक बोलेगा,जब तक बिस्किट्स डालोगे,उसके बाद तो वो भी कहीं और जाकर कुकरने लग जाएगा,जो बिस्किट डालेगा,उसके लिए भौंकेगा,आखिर है तो पपी ही। पपी के चक्कर में पापा की बाट लगी हुई है।आज कोई भी सीरियसली नहीं ले रहा उनको।
कैसी विडंबना है जिस अमेरिका के राष्ट्रपति की सांसों की आवाज के भी गहरे मायने निकाले जाते थे आज उसकी गहरी बातें भी उतनी ही उथली लग रही हैं जितनी हमारे विपक्ष के नेता की। यहां तो खैर विपक्ष का नेता है इसलिए उसको सेनेटरी पैड में फिट कर दिया ,और पप्पू भी वहां खुश है। अमेरिका में तो प्रेसिडेंट को इधर उधर शिफ्ट करना भी मुश्किल था क्योंकि जो सबसे ज्यादा ताकतवर है उसे कौन डिस्टर्ब कर सकता है,लेकिन अब तो वो खुद ही डिस्टर्ब हो चुके हैं। यूक्रेन वालों ने गजब कारनामा किया एक कॉमडियन को प्रेसिडेंट बना दिया और अमेरिका वालों ने एक प्रेसिडेंट को कॉमेडियन । यहां लोग कह रहे हैं कि अमेरिका के लोग बहुत पैसे वाले होते हैं इसलिए उन्होंने अपने मनोरंजन के लिए एक प्रेसिडेंट ही रख लिया,हम थोड़े गरीब है इसलिए हमने विपक्ष का नेता रखा और अखंड भिखारी पाकिस्तान ने एक जनरल रख लिया,जिसकी जैसी हैसियत थी उसी लेबल का विदूषक रखकर बैठ गए । कारण और अकारण कुछ भी हो,जनता मज़े में है,हमें तो घर बैठे मनोरंजन मिल रहा है। देसी और विदेशी मतलब बॉलीवुड और हॉलीवुड एक साथ। सबसे ज्यादा मज़ेदार बात तो भूरा भाई ने अब बोली कि भारत की अर्थ व्यवस्था मरी हुई है,यह एक “डेड इकोनॉमी” है। इसमें मज़े की बात यह है कि जिस इकोनॉमी को डेड इकोनॉमी बता रहे हैं उसी के साथ डील करने के लिए खुद मरे जा रहे हैं ताकि उनकी इकोनॉमी बच जाए। लगता तो ऐसा है कि भूरा भाई अमेरिका को पाकिस्तान बनाकर छोड़ेंगे। गुरु चेले दोनों मिलकर भीख मांगेगे,जैसे भारत में भालू और मदारी करते हैं, वैसा ही दुनिया में जमूरा नाचकर दिखाएगा और मालिक कटोरा भरेगा। बहरहाल भूरा भाई को जल्दी स्वास्थ्य लाभ हो,हम तो यही चाहते हैं। अभी सठियाना छोड़ें , ऐसी अदाएं रिटायरमेंट के बाद ही उचित प्रतीत होती हैं,उसके पहले सठियाना गैर कानूनी है। उम्मीद है भूरा भाई हमारी बात सुनेंगे हालांकि वो सुनने में यकीन कम रखते हैं बोलने में ज्यादा लेकिन अभी सावन का महीना चल रहा है, भौजी के साथ मौन व्रत रखें तो और भी पुण्यदायी होगा वरना हमारे ज़ेहन में एक ही सवाल गूंजता रहेगा “तेरा क्या होगा भूरिया”।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
news paper logo
AD dharti Putra
logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES