ऐ वतन मेरे वतन’ रिव्यू: सारा अली खान स्टारर ‘ऐ वतन मेरे वतन’ अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो चुकी है। ये फिल्म क्रांतिकारी माहिला उषा मेहता के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के साथ आजादी के लिए आवाज उठाई थीं। 1942 भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उनका खास योगदान रहा है, जिसके लिए उन्हें याद किया जाता है। ‘ऐ वतन मेरे वतन’ में सारा अली खान ने उषा मेहता का किरदार निभाया है। सारा जिन्हें आखिरी बार ‘मर्डर मुबारक’ में एक ग्लैमरस भूमिका में देखा गया था। अब कन्नन अय्यर की ‘ऐ वतन मेरे वतन’ में एक क्रांतिकारी माहिला उषा मेहता की भूमिका देखा गया है। पहली बार किसी फिल्म में उनका इतना हटके लुक देखने को मिला। सारा अली खान ने फिल्म में खादी की साड़ियां पहनने नजर आईं और हर वक्त ‘करो या मारो’ का नारा लगाते दिखीं, लेकिन ‘ऐ वतन मेरे वतन’ में अपने अलग किरदार को निभाकर भी लोगों को इम्प्रेस करने में नाकामयाबी रहीं।
कहानी
कौन थे राम मनोहर लोहिया?
बता दें कि राम मनोहर लोहिया ने अंडरग्राउंड रेडियो को स्थापित करने और चलाने में अहम भूमिका निभाई, जो क्विट इंडिया मूवमेंट के दौरान महत्वपूर्ण था. उन्हें अपनी पूरी यात्रा के दौरान कई बार जेल में डाला गया, कैद किया गया और टॉर्चर भी किया गया लेकिन ब्रिटिश राज के खिलाफ देश की लड़ाई उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. फिल्म ये वतन मेरे वतन में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों को श्रद्धांजलि देती है.
‘ऐ वतन मेरे वतन’ की शुरुआत सारा अली खान उर्फ उषा मेहता से अपने पिता से यह कहने से होती है कि वह उड़ना चाहती है। उषा के पिता (सचिन खेडेकर) उन्हें आकाश में ऊंची उड़ान भरने के लिए पंख खोजने के लिए कहते हैं। इसके बाद फिल्म में 1940 के दशक की कहानी दिखाई जाती है जब सारा अली खान को भारत में ब्रिटेन के खिलाफ लड़ाई करते देखा जा सकता है। हालांकि, अंग्रेजों से लड़ाई के दौरान उषा को एहसास हो जाता है कि उसके पंख अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई की भावना और राष्ट्र के प्रति प्रेम है। इसके बाद अंग्रेजों से आजादी पाने के लिए उषा लोगों को एकजुट करने और भारत छोड़ो आंदोलन में लग जाती है। उषा देश की आजादी के लिए अपनी जान की बाजी लगा देती है। वहीं बिना किसी बात के परवाह किए कांग्रेस रेडियो नाम से अपना रेडियो स्टेशन शुरू कर देती है। उनके दो कॉलेज के दोस्त फहद (स्पर्श श्रीवास्तव) और कौशिक (अभय वर्मा) बाकी देशभक्त नागरिक के साथ इसमें उनका साथ देते हैं।
किरदार को लेकर इमरान ने कही ये बात
फिल्म में अपने किरदार के बारे में बात करते हुए इमरान ने कहा कि- “मैंने पहले कभी स्वतंत्रता सेनानी की भूमिका नहीं निभाई है, और राम मनोहर लोहिया के रूप में खुद को ढालने का मौका मिलना एक बेहद सम्मान की बात थी. मैंने कन्नन और दरब के साथ मिलकर काम किया और उनके द्वारा की गई व्यापक रिसर्च को समझने की कोशिश की, लोहिया जी के इतिहास और यात्रा को समझा और उसमें अपना अंदाज जोड़ा. ऐसी कहानी का हिस्सा बनना सौभाग्य की बात है. ”
फिल्म को करण जौहर, अपूर्व मेहता और सोमेन मिश्रा ने बनाया है. इसके डायरेक्टर कन्नन अय्यर हैं. फिल्म की कहानी अय्यर और दारब फारूकी ने लिखी हैं. फिल्म में सारा अली खान लीड रोल में हैं, जबकि इमरान हाशमी की गेस्ट अपीयरेंस हैं. इसके अलावा सचिन खेडेकर, अभय वर्मा, स्पर्श श्रीवास्तव, एलेक्स ओ’ नील और आनंद तिवारी भी अहम भूमिकाओं में हैं. ये फिल्म 21 मार्च को हिंदी में तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज