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आखिर बाल क्यों झड़ते हैं, बाल झड़ने से रोकने के कुछ सॉलिड उपाय

👩👦लड़की हो या लड़का, मर्द या औरत, हर कोई चाहता है कि वह स्मार्ट दिखे, और इसमें बड़ी अहमियत होती है आपके हेयर स्टाइल की। ऐसे में बालों का झड़ना वर्तमान जीवन शैली में एक आम समस्या बन गया है। हर कोई बालों की समस्या का समाधान चाहता है, और इसके लिए डॉक्टरी इलाज से लेकर बालों के लिए घरेलू नुस्खे तक आजमाता है।

बाल गिरने से रोकने के तमाम उपाय करने के बाद भी कई लोग गिरते बालों को नहीं बचा पाते हैं। आज हम आपको बताएंगे आखिर बाल क्यों झड़ते हैं। साथ ही जानेंगे बाल झड़ने से रोकने के कुछ सॉलिड उपाय। वक्त रहते अगर आप इन्हें आजमाते हैं, तो उम्मीद है कि आप अपनी ‘स्मार्टनेस’ को और बढ़ा पाएंगे।

ड्राई और डैमेज्ड बाल बाहर की परत में दरारें विकसित करते हैं. ड्राई और डैमेज्ड बाल भी डल और घुंघराले लगते हैं और उन्हें मैनेज करना बहुत ही मुश्किल होता है. ड्राई और डैमेज्ड बाल सामान्य वजहों में से एक हैं जो गंजेपन की वजह बनता है. बालों को बार-बार धोना, सूरज को ओवरएक्सपोजर करना, हेयर-स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल, क्लोरीनयुक्त पानी और धूम्रपान के साथ संपर्क कुछ ऐसी वजहें हैं जो बालों को ड्राई और डैमेज्ड करने में योगदान करते हैं.

जब आपके बाल पूरी तरह से ड्राई और डैमेज्ड हो जाते हैं, तो बाहरी छल्ली खराब हो जाती है और तब आपके ओवरलैपिंग सेल्स झूठ नहीं बोलते. ये बालों के शाफ्ट को नाजुक बनाता है और विभाजन, डैमेज और टूटने की वजह बनती हैं.

बालों का झड़ना क्या है? – (What Is Hairfall?)
बालों के झड़ने को Alopecia (एलोपीशिया) भी कहते हैं। महिला और पुरुष दोनों के बाल झड़ते हैं, लेकिन पुरुषों में इसका असर ज्यादा देखने को मिलता है और यह समस्या गंजेपन तक पहुंच जाती है। बालों का झड़ना सिर से लेकर पूरे शरीर तक हो सकता है, लेकिन आमतौर पर कोई महिला या पुरुष इसे तब गंभीरता से लेता है, जब उसके सिर के बाल तेजी से झड़ने लगते हैं।

यूँ तो 40 की उम्र के बाद बाल झड़ना सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन अगर कम उम्र, यानी 40 से पहले, बाल तेजी से झड़ रहे हैं, तो आपको अलर्ट होने की जरूरत है। अगर आपके बाल घने हैं तो 50 से 100 बाल रोज झड़ना आम बात है, क्योंकि नए बाल पुराने बालों की जगह ले लेते हैं। लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता है।

कई बार बाल झड़ते तो हैं, लेकिन नए बाल उनकी जगह नहीं लेते। बहुत से लोगों के साथ ऐसा धीरे-धीरे होता है, इसलिए उन्हें देर से पता चलता है। कई लोगों के बाल तेजी से गिरते हैं और कुछ महीनों में सिर की त्वचा नजर आने लगती है। ऐसे में ज्यादातर लोग बाल झड़ने के कारण जानने से पहले ही उसके लिए तमाम उपाय शुरू कर देते हैं।

बाल झड़ने के कारण -👀
बाल झड़ने के कारण आपके तन और मन के स्वास्थ से जुड़े हो सकते हैं l अगर आपके बाल तेजी से झड़ रहे हैं तो आप बाल झड़ने के कारणों का आकलन खुद भी कर सकते हैं l डर्मेटोलॉजिस्ट भी ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले आपसे बालों को लेकर ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेते हैं।

बाल गिरने की सबसे प्रमुख वजह है आनुवंशिक। मतलब, अगर आपके परिवार में गंजेपन का इतिहास रहा है, तो आपके सिर के बाल झड़ने की भी यह एक वजह हो सकता है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर आपके पिता या मां के परिवार में ज्यादातर लोगों के बाल वक्त से पहले झड़ गए, तो आपके बाल भी इस वजह से झड़ रहे हैं।
कई बार कुछ समय के लिए बालों की ग्रोथ रुक जाती है और इस वजह से भी बाल झड़ते हैं। ऐसा आमतौर पर किसी गंभीर बीमारी या सर्जरी के बाद होता है। ऐसी स्थिति में मरीज के ठीक होने के बाद उसके बालों की ग्रोथ भी रफ्तार पकड़ लेती है।
महिलाओं में प्रेग्नेंसी, बच्चों के जन्म के दौरान और उसके बाद कुछ समय तक और मीनोपॉज के बाद भी बाल झड़ने की समस्या देखी जाती है।
थायरॉयड होने पर या सिर की त्वचा में इन्फेक्शन होने से भी बाल झड़ने लगते हैं।
इसके अलावा जो लोग कैंसर, बीपी, हार्ट डिजीज, डिप्रेशन और अर्थराइटिस की दवाएं लेते हैं, उनमें भी बाल झड़ने की समस्या देखी जाती है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कई बार ‘इमोशनल शॉक’ लगने पर भी बाल झड़ने लगते हैं। जैसे- परिवार में किसी करीबी की मौत हो जाए।
बदलती जीवनशैली में बाल झड़ने की वजह खानपान भी है। अगर खाने में प्रोटीन, आयरन और दूसरे जरूरी पोषक तत्वों की कमी है, तो भी बाल झड़ने और पतले बालों की समस्या देखने को मिलती है। [2]
बाल झड़ने का इलाज –
बहुत से लोग बाल झड़ने को गंभीरता से नहीं लेते हैं और जब बाल तेजी से झड़ने लगते हैं तो दो-चार नुस्खे आजमा कर बंद कर देते हैं। लेकिन कोई भी इलाज सिर्फ कुछ दिनों में फायदा नहीं करता। इसे कई स्तर पर किया जाता है। सबसे पहले ज़रूरी है की आप अपने हेयर टाइप को जाने। हम जो बताने जा रहे हैं, वह आपके झड़ते बालों को रोकने में काफी काम आ सकता है।

बालों का झड़ना रोकने के लिए डॉक्टरी ट्रीटमेंट – 
बाल बहुत तेजी से झड़ रहे हैं, तो डॉक्टरी ट्रीटमेंट लिया जा सकता है। यह ऐलोपैथी से लेकर होम्योपैथी के रूप में मौजूद है। होम्योपैथी तरीके से ट्रीटमेंट लंबे वक्त तक चलता है। हम आपको दो ऐसी दवाओं के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें झड़ते बालों के इलाज में दुनियाभर में इस्तेमाल किया जा रहा है। आप भी डॉक्टर से सलाह के बाद इन्हें ले सकते हैं।

बालों का झड़ना रोकने की दवाइयां
1. Minoxidil (मिनोक्सिडिल)
महिलाओं और पुरुषों में बाल झड़ने की एक वजह होती है एंड्रोजेनेटिक ऐलोपीशिया। यह बाल झड़ने का एक आनुवंशिक प्रकार है, जिसका इतिहास पारिवारिक होता है। पुरुषों में इस वजह से 20 साल से भी कम उम्र से बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं। महिलाओं में भी 40 की उम्र आने तक बाल झड़ने लगते हैं।

इस स्थिति में मिनोक्सिडिल दवा दी जाती है। खास बात यह है कि इस दवा का उपयोग हाई ब्लड प्रेशर के ट्रीटमेंट में भी किया जाता है। लेकिन अगर आपको इस दवा के इस्तेमाल के बाद आंखों में जलन, खुजली, रैशेज, सिरदर्द या चेहरे में सूजन आदि की परेशानी होती है, तो दवा बंद कर दें। प्रेग्नेंट महिलाएं भी इसे ना लें। सबसे जरूरी बात, बिना डॉक्टरी सलाह के दवा का इस्तेमाल न करें।

2. Finasterid (फिनास्टेरीड)
दुनियाभर में इस दवा का इस्तेमाल पुरुषों में गंजेपन के इलाज के लिए किया जा रहा है। इस दवा को लेकर कुछ रिसर्च भी हुई हैं, जिनमें सामने आया था कि फिनास्टेरीड लेने वाले कुछ लोगों के बाल दोबारा उग आए। लेकिन खास बात यह है कि फिनास्टेरीड बालों या स्कैल्प (सिर की त्वचा) पर असर नहीं करती।

यह दवा DHT यानी ड्राई हाइड्रो टेस्टोस्टोरॉन नामक हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करती है। इस हार्मोन के बढ़ने से पुरुषों में बालों की जड़ों को नुकसान होता है और बाल टूटने लगते हैं। DHT का स्तर नियंत्रित होने से बालों का टूटना कम हो जाता है और उनकी ग्रोथ शुरू हो जाती है। लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह इस दवा का उपयोग न करें।

बालों का झड़ना रोकने के ट्रीटमेंट
वो लोग, जिनके बाल पूरी तरह से झड़ गए हैं या सिर के एक भाग में झड़ चुके हैं, वह भी दोबारा बाल उगा सकते हैं। हेयर ट्रांसप्लांटेशन के रूप में यह कई तरीकों से उपलब्ध है। तो चलिए, इन्हें भी जान लेते हैं।

1. स्टेम सेल थेरेपी
इंसान के बालों की ग्रोथ सिर की त्वचा यानी स्कैल्प में स्थित फॉलिकल्स से शुरू होती है। जब यह फॉलिकल्स मृत हो जाते हैं, तो नए बालों को उगने नहीं देते। स्टेम सेल थेरेपी में इन्हीं फॉलिकल्स को उत्तेजित किया जाता है। इससे नए फॉलिकल्स पैदा होते हैं और बालों की ग्रोथ शुरू होती है। यह थेरेपी तीन से चार महीनों में नए बालों को उगने में मदद करती है और बाकी थेरेपी के मुकाबले ज्यादा कारगर और सुरक्षित है। महिलाओं और पुरुष दोनों के लिए इसे इस्तेमाल किया जाता है।

2. इंटेंसिव हेयर रूट थेरेपी
इस थेरेपी में पहले यह पता लगाया जाता है कि बाल किस वजह से झड़ रहे हैं। उसके बाद बालों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को दवाओं के रूप में सीधे बालों की जड़ों में डाला जाता है। इसके लिए माइक्रोइंजेक्शंस का इस्तेमाल होता है और दर्द बिलकुल नहीं होता। इस ट्रीटमेंट को लेने के दो-तीन महीने बाद नए बाल उगने शुरू हो जाते हैं।

3. लेजर हेयर ट्रीटमेंट
आनुवंशिक वजहों से बाल झड़ने की स्थिति में इस ट्रीटमेंट का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। इस ट्रीटमेंट से स्कैल्प में रक्त का संचार तेज हो जाता है और हेयर फॉलिकल्स का मेटाबॉल्जिम बढ़ जाता है। इसके बाद बालों की ग्रोथ शुरू हो जाती है। सिर के किसी खास हिस्से में बाल झड़ने पर यह ट्रीटमेंट आमतौर पर लिया जाता हैl

4. हेयर ट्रांसप्लांट
बाल गंवा चुके लोग या बालों के तेजी से झड़ने से परेशान लोग अक्सर हेयर ट्रांसप्लांट करवाते हैं। बीते कुछ साल में यह गंजेपन का सबसे चर्चित ट्रीटमेंट बन गया है। स्कैल्प रिडक्शन, हेयर ट्रांसप्लांटेशन का सबसे पुराना तरीका है। जिन लोगों के सिर में पीछे या किनारों की ओर अच्छे बाल हैं और बीच में बाल नहीं हैं, उनमें यह ट्रीटमेंट इस्तेमाल होता है।

इसमें जहां बाल नहीं हैं, उधर स्कैल्प को हटाकर, उस स्कैल्प या त्वचा को लगाया जाता है, जिनमें बालों की ग्रोथ है। यह हेयर ट्रांसप्लांटेशन के सबसे शुरुआती तरीकों में से है। बदलते वक्त के साथ हेयर ट्रांसप्लांट के और भी तरीके आ गए हैं। यह डॉक्टर ही तय करेंगे कि आपको कौन सा ट्रीटमेंट चाहिए होगा।

बालों का झड़ना रोकने के घरेलू उपाय –
झड़ते हुए बालों को रोकने के लिए कई घरेलू नुस्खे इस्तेमाल किए जाते हैं सदियों से। हम आपको कुछ ऐसे नुस्खे बताने जा रहे हैं, जिन्हें आजमाना किफायती और आसान भी है।

1. आंवला
आंवला बालों के विकास और खूबसूरती बढ़ाने में एक पारंपरिक हेयर टॉनिक की तरह काम करता है। इसके फलों से निकाला जाने वाला तेल बालों को मजबूत करता है और उनकी ग्रोथ को तेज करता है।

उपयोग का तरीका

आंवला को टुकड़ों में काटकर धूप में सुखा लें।
जब यह अच्छी तरह से सूख जाए, तो कुछ टुकड़ों को नारियल तेल में डालकर अच्छे से उबाल लें।
इस तेल को ठंडा होने के बाद स्टोर कर लें और बालों में लगाएं।
कहा जाता है कि यह बालों को भूरा होने से भी रोकता है।
आप आंवले के सूखे टुकड़ों को रात में पानी में भी भिगा सकती हैं। अगली सुबह पानी को बालों की जड़ों में लगाएं। इससे भी बालों को पोषण मिलता है।
2. मेथी
सर्दियों में मेथी की सब्जी तो आपने खायी ही होगी। इस पौधे के बीज पीले और भूरे रंग के मिश्रित होते हैं। इन्हे झड़ते बाल रोकने में इस्तेमाल किया जाता है।

उपयोग का तरीका

एक-दो चम्मच मेथी के दानों को रात भर के लिए भिगो दें।
इसे सुबह पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं।
एक घंटे बाद बालों को धो लें।
सप्ताह में दो से तीन बार लगाने से बालों का गिरना बंद हो जाता है।
3. तेल से मालिश (Oil Massage)
त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए उसकी मसाज या मालिश बहुत जरूरी है। कुछ ऐसी ही जरूरत हमारे बालों और स्कैल्प को भी होती है। सिर में तेल की मालिश से ना सिर्फ स्कैल्प को नमी मिलती है, बल्कि बालों की जड़ें भी मजबूत होती हैं। इससे रक्त का संचार और बालों की ग्रोथ तेज होती है। डैंड्रफ से भी छुटकारा मिलता है।

उपयोग का तरीका

बालों और सिर की मालिश के लिए आमतौर पर सरसों, नारियल और जैतून के तेल का इस्तेमाल किया जाता है।
गर्मियों में तेल को सामान्य तापमान पर लगाएं और नारियल के तेल से मालिश को प्रमुखता दें।
गर्मियों में सरसों और जैतून के तेल का उपयोग उसे हल्का गर्म करके करें।
याद रहे तेल से मालिश हल्के हाथों से करें। बालों को खींचे नहीं। इससे वह टूट जाएंगे।
महिलाएं सप्ताह में करीब दो दिन सिर की मालिश करें। पुरुष हल्के तेल से सप्ताह में तीन से चार दिन मालिश कर सकते हैं।
4. प्याज का रस (Onion Juice)
एक शोध के अनुसार स्कैल्प पर कच्चे प्याज के रस का उपयोग बालों के दोबारा ग्रोथ में उपयोगी है। प्याज के रस का उपयोग एलोपेसिया एरेटा (Alopecia Areata: बाल झड़ने की स्थिति) में लाभकारी हो सकता है। [4]

उपयोग का तरीका

प्याज को छीलने के बाद उसे मिक्सी में पीस लें।
अब मिश्रण को छलनी से अलग कर लें।
इस मिश्रण को कॉटन की मदद से बालों की जड़ों में लगाएं।
डैंड्रफ से परेशान हैं, तो प्याज के रस में नींबू का रस मिलाकर लगाने से फायदा होगा।
सप्ताह में करीब दो दिन इसे आजमा सकते हैं। बचे हुए मिश्रण को कांच की शीशी में भरकर फ्रिज में स्टोर कर लें।
5. शिकाकाई
भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीन काल से बालों की देखभाल के लिए शिकाकाई का उपयोग पारंपरिक रूप से किया जाता रहा है। यह आयुर्वेदिक औषधीय पौधों में से एक है। इसे तैयार करने के लिए पौधे की फलियों, पत्तियों और छाल को सुखाया जाता है फिर उसका पाउडर या पेस्ट बनाया जाता है। इसे एक अच्छा क्लींजर माना जाता है। यह प्राकृतिक रूप से कम पीएच वाला होता है, और बालों से तेल को नहीं खींचता।

उपयोग का तरीका

शिकाकाई को तेल, शैंपू और कंडिशनर के रूप में बालों में लगाया जाता है।
आंवला और रीठा के साथ मिलाकर भी इसे इस्तेमाल किया जाता है।
किसी भी हेयर ऑयल, दही या अंडे में मिलाकर शिकाकाई पाउडर को बालों में लगा सकते हैं।

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