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मकर संक्रांति हर साल 14 या 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?

यह त्यौहार भारत ही नहीं, नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी मनाया जाता है. अलग-अलग धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से लोग इसे मनाते हैं लेकिन इस त्यौहार के पीछे एक खगोलीय घटना है.

साथ ही, मकर संक्रांति का पर्व समाज में भाईचारे और एकता की भावना को भी बढ़ावा देता है, जहां लोग एक-दूसरे से मिलकर खुशियां मनाते हैं और तिल-गुड़ का आदान-प्रदान करते हैं।

मकर संक्रांति का पर्व इस साल 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जिसके साथ ही खरमास का समापन हो जाएगा। मकर संक्रांति का दिन विशेष रूप से पुण्य लाभ और आध्यात्मिक उन्नति के लिए जाना जाता है।

इस दिन विशेष रूप से स्नान, दान और सूर्य पूजा का महत्व है। भक्तगण सूर्योदय से पूर्व पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पूजन करते हैं, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है। सूर्य मंत्र का जाप करने से भगवान सूर्य की विशेष कृपा मिलती है और जीवन में समृद्धि आती है।साथ ही, मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ का दान भी विशेष रूप से शुभ माना जाता है,

यह एक खास संयोग है क्योंकि तीन साल बाद मकर संक्रांति 14 जनवरी को आ रही है। इससे पहले, वर्ष 2024, 2023 और 2022 में श्रद्धालुओं ने 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई थी। वहीं, वर्ष 2021 में भी मकर संक्रांति 14 जनवरी को पड़ी थी।

मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त

उदयातिथि के अनुसार, इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति का पुण्यकाल सुबह 9 बजकर 03 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। वहीं, महापुण्य काल का समय सुबह 9 बजकर 03 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा, जो विशेष रूप से शुभ माना जाता है।इस दिन खासतौर पर सूर्य पूजा, स्नान और दान का महत्व होता है, और महापुण्य काल में किए गए धार्मिक कार्यों का विशेष फल मिलता है।

संक्रांति के दिन सूर्य मंत्र का करें जाप

मकर संक्रांति के दिन दान के साथ-साथ स्नान के बाद सूर्य मंत्र का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से ‘‘ॐ घृणि सूर्याय नमः, ॐ भास्कराय नमः” मंत्र का जाप करें। यह मंत्र भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी है।

मंत्र का जाप करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि सूर्य देव की आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और सफलता के मार्ग भी खुलते हैं।

विवाह मुहूर्त 2025: जनवरी और फरवरी में कौन-कौन से दिन हैं शुभ?

16 दिसंबर 2024 से चल रहे खरमास का समापन 14 जनवरी को हो जाएगा, जिसके बाद सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, 16 जनवरी से विवाह का लग्न भी शुरू हो जाएगा, और जनवरी से लेकर जून तक हर महीने में विवाह के लिए शुभ दिन होंगे।

जनवरी माह में विवाह के मुहूर्त: 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 26 और 27 जनवरी को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं।

फरवरी माह में विवाह के मुहूर्त: 1, 2, 3, 6, 7, 8, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23 और 24 फरवरी को भी विवाह के लिए उपयुक्त मुहूर्त उपलब्ध हैं।

जानें क्यों होता है इस दिन दान करना अत्यंत शुभ

मकर संक्रांति के दिन दान करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है की सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो यह शनि देव को प्रभावित करता है, जिसका असर सीधे जनजीवन पर पड़ता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि देव की स्थिति मजबूत होती है, उन्हें इस प्रभाव से कम नुकसान होता है। लेकिन जिनकी कुंडली में शनि कमजोर या दुर्बल स्थिति में होते हैं, उन्हें इस समय दुष्परिणाम का सामना करना पड़ सकता है।

ऐसे में मकर संक्रांति के दिन दान करना, खासकर तिल, गुड़, और वस्त्रों का दान, शुभ फल देने वाला माना जाता है। इससे शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है।

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