बूंदी- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनातर्गत आयोजित दस दिवसीय जागरूकता अभियान-संकल्प हब का शुभारंभ आज सकारात्मक वातावरण में हुआ। अभियान के प्रथम दिन महिला केन्द्रित योजनाओं, नीतियों, आत्म-सम्मान और बॉडी शेमिंग जैसे समाज में प्रचलित संवेदनशील विषयों पर विशेष जागरूकता एवं क्षमता निर्माण सत्रों का आयोजन जिला प्रशासन, महिला अधिकारिता विभाग एवं एक्शन एड के संयुक्त तत्वावधान में बाबू जगजीवन राम महाविद्यालय स्तरीय कन्या छात्रावास, बूंदी में किया गया।
सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता विभाग भेरू प्रकाश नागर ने अभियान के बारे में कहा कि यह अभियान महिलाओं एवं किशोरियों को न केवल उनके अधिकारों की जानकारी देने का माध्यम है, बल्कि यह आत्म-सम्मान, आत्मनिर्भरता और सामाजिक जागरूकता को भी बढ़ावा देगा। आगामी दिनों में यौन उत्पीड़न से संरक्षण (पॉश), घरेलू हिंसा अधिनियम, मानसिक स्वास्थ्य, साइबर सुरक्षा, कौशल विकास एवं स्वावलंबन जैसे विषयों पर संवाद, कार्यशालाएँ और अभ्यास सत्र आयोजित किए जाएँगे।
पर्यवेक्षक प्रमिला ने केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रमुख महिला कल्याणकारी योजनाओं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, लाडो प्रोत्साहन, शिक्षा सेतु, उज्ज्वला आदि योजनाओं की जानकारी दी।
जेंडर विशेषज्ञ विनीता अग्रवाल ने महिला केन्द्रित नीतियों और उनके सामाजिक प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जब तक महिलाएं नीति निर्माण में भागीदारी नहीं करेंगी, तब तक असली बदलाव संभव नहीं है। उन्होंने लैंगिक समानता,पॉश एक्ट, महिला आरक्षण एवं घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 जैसे कानूनों की जानकारी भी प्रतिभागियों से साझा की।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में एक्शन एड के ज़िला समन्वयक ज़हीर आलम ने आत्म-सम्मान बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने वीडियो और पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रतिभागियों को बताया कि बॉडी शेमिंग न केवल मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि यह व्यक्ति के आत्मविश्वास, सामाजिक सहभागिता और व्यक्तिगत विकास में भी बड़ी बाधा बनती है। उन्होंने बताया कि बॉडी शेमिंग के शिकार लोग अक्सर अवसाद, चिंता, आत्मग्लानि और सामाजिक अलगाव जैसी समस्याओं से जूझते हैं। यह प्रवृत्ति विशेष रूप से किशोरियों और युवा महिलाओं को प्रभावित करती है, जो अपनी शारीरिक बनावट को लेकर पहले से ही असमंजस में होती हैं
वरिष्ठ सहायक रविराज मिश्रण ने सभी प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे समाज में व्याप्त इस प्रकार की नकारात्मक सोच का विरोध करें और दूसरों को भी उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाएं। उन्होंने विशेष रूप से किशोरियों से कहा कि वे सोशल मीडिया पर स्वयं को तुलना का शिकार न बनने दें और अपनी पहचान एवं आत्मसम्मान को प्राथमिकता दें।
अंत में केंद्र प्रबंधक पूर्णिमा गौतम एवं हिना शर्मा ने पन्नाधाय महिला सुरक्षा एवं सम्मान केंद्र और सखी वन स्टॉप सेंटर की भूमिका और सेवाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये केंद्र संकट की स्थिति में महिलाओं को एक ही स्थान पर चिकित्सा, परामर्श, पुलिस सहायता और कानूनी सलाह उपलब्ध कराई


