बानसूर। स्मार्ट हलचल/जिला कोटपूतली बहरोड में आयोजित राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम में बानसूर के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी स्वनिर्मित उत्पादों की विशेष स्टॉल लगाई जों कि समारोह में आने वाले अतिथियों का ध्यान आकर्षित किया। इन उत्पादों में राजस्थान की संस्कृति और परंपरा की गहरी छाप देखने को मिली, जिसमें विशेष रूप से मिलेट्स के उत्पाद को प्रमुखता दी गई। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद न केवल उनकी रचनात्मकता और मेहनत को दर्शाते हैं, बल्कि यह उनकी आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की कहानी भी बयां करते हैं। इनमें जैविक खाद्य सामग्री, पारंपरिक हस्तशिल्प, और स्थानीय विशेषताओं से बने उत्पाद शामिल थे, जो राजस्थान के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बने। डॉ. गोकुल सैनी ने बताया कि राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम न केवल निवेशकों को आकर्षित करने और उद्योगों को नई गति देने के लिए एक सशक्त मंच बना, बल्कि यह यह भी दिखाता है कि राज्य की ग्रामीण महिलाओं में अपार संभावनाएं हैं। उनकी उपलब्धियों ने यह साबित किया कि यदि सही दिशा और अवसर मिले, तो वे आर्थिक विकास और सामाजिक उत्थान में प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं।