:- विभिन्न मांगों को लेकर दिया ज्ञापन
स्मार्ट हलचल। कोटडी/राजस्थान विद्युत क्षेत्र में हो रहे निजिकरण के विरोध में सोमवार को राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति की कोटडी इकाई ने कार्य बहिष्कार कियाl ओ.पी. एस. का पूर्ण लाभ देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम को दिया गयाl
प्रतिनिधि मंडल सांवरमल जाट ने बताया कि राजस्थान विद्युत निगमों में उत्पादन,प्रसारण और वितरण के क्षेत्र में निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है जो न केवल कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है बल्कि राज्य की जनता के लिए भी हानिकारक साबित हो सकती है। सरकार द्वारा अभी तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि विरोध निजीकरण के खिलाफ है क्योंकि राज्य सरकार ने तापीय विद्युत उत्पादन गृहों को निजी हाथों में सौंपने का प्रयास किया है जो कि राज्य की विद्युत आपूर्ति में आत्मनिर्भरता को खतरे में डाल सकता है। इन पावर प्लांट्स में कोई पूंजी निवेश
की आवश्यकता नहीं हैl केंद्रीय सार्वजनिक निगमों के साथ ज्वाइंट वेंचर के नाम पर
हस्तांतरित करने की प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए। ज्ञापन में बताया है कि ओ.पी.एस. योजना के संबंध में कर्मचारियों को पिछले एक वर्ष से योजना का फार्म भरवाकर सदस्य बनाया गया थाl अभी तक ओ.पी. एस. का लाभ नहीं मिल पाया है। राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के बावजूद सीपीएफ कटौती बंद कर जीपीएफ कटौती शुरू नहीं की गई है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष है।
यह है मुख्य मांगें
विद्युत के क्षेत्र में सभी प्रकार के निजिकरण पर तत्काल रोक लगाई जाए।
नए कर्मचारियों की भर्ती कर ग्रिड सब-स्टेशनों और तापीय विद्युत उत्पादन गृह का संचालन निगम कर्मचारियों के माध्यम से किया जाए।
ओ.पी.एस. योजना का पूरी तरह से पालन किया जाए और सी.पी.एफ. कटौती बंद कर जी.पी.एफ. कटौती शुरू की जाए।
इस दौरान कोटडी विधुत विभाग के करीब 45 कर्मचारी पेन डाउन हड़ताल पर रहेl समिति ने राज्य सरकार से शीघ्र समाधान की मांग की हैl मांगे नहीं मानने पर लोकतांत्रिक श्रमिक आंदोलन को और तेज करने की बात कही हैl वही अनिल जैन कनिष्ठ सहायक राहुल धौलपुरिया ,राघव व्यास, सांवरमल गुर्जर, लोकेश शर्मा ,सुरेश गुर्जर, मधु जीनगर चंद्र प्रकाश जीनगर ,अरविंद शर्मा घनश्याम दरोगा सहित समस्त बिजली विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।