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विश्व दिव्यांग दिवस एक चुनौती: एक दिव्यांग की अपनी कहानी

World Disability Day is a challenge

 मदन मोहन भास्कर

स्मार्ट हलचल/मैं एक दिव्यांग व्यक्ति हूँ, और मेरी जिंदगी में यह एक ऐसी चुनौती है जिसने मुझे मजबूत और संघर्षशील बनाया है। मेरी दिव्यांगता की वजह से मुझे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है, लेकिन इसने मुझे यह भी सिखाया है कि जिंदगी में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमें मजबूत और साहसी होना चाहिए। मेरी दिव्यांगता ने मुझे कई बार निराश और हताश किया है, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मैंने हमेशा अपनी दिव्यांगता को एक चुनौती के रूप में देखा है, और मैंने इसे पार करने के लिए हर संभव प्रयास किया है।
मेरी दिव्यांगता ने मुझे यह भी सिखाया है कि जिंदगी में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमें अपने आसपास के लोगों का समर्थन और सहयोग लेना चाहिए। मेरे परिवार, दोस्तों और समाज ने मुझे हमेशा समर्थन और प्रोत्साहन दिया है, जिससे मैं अपनी दिव्यांगता को पार करने में सक्षम हुआ हूँ। आज, मैं अपनी दिव्यांगता को एक चुनौती के रूप में नहीं, बल्कि एक अवसर के रूप में देखता हूँ। मैं अपनी दिव्यांगता का उपयोग करके दूसरों की मदद करना चाहती हूँ, जो मेरी तरह ही दिव्यांग हैं। मैं चाहती हूँ कि मेरी कहानी दूसरों को प्रेरित करें और उन्हें यह समझने में मदद करें कि दिव्यांगता एक चुनौती नहीं, बल्कि एक अवसर है। दिव्यांगता के बावजूद अपनी पहचान बनाना के लिए ही मैं मेरी कहानी लिख रही हूँ एक सामान्य इंसान के लिए एक पल में दिव्यांग हो जाना बड़ा दुखदाई होता है मुझे स्वयं इससे निकलने और समझने में काफी समय लगा ।
मैं एक दिव्यांग व्यक्ति हूँ इस बात को जब स्वीकार तो लिया लेकिन मैंने कभी अपनी दिव्यांगता को अपनी पहचान का एकमात्र हिस्सा नहीं बनाया। एक शिक्षक के रूप में मेरा सारा समय पढ़ने लिखने का था । ये मेरे लिए दुर्भाग्यपूर्ण था किंतु मैंने हमेशा अपनी क्षमताओं और गुणों पर ध्यान केंद्रित किया है, और मैंने अपनी दिव्यांगता को एक चुनौती के रूप में देखा है। मैं इस दिव्यांगता की असमर्थता को पार कर सकता हूँ। मेरी दिव्यांगता के कारण मुझे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मैंने हमेशा अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की है और मैंने अपनी दिव्यांगता को कभी भी अपने रास्ते में आने नहीं दिया।
आज, मैं एक मजबूत और साहसी व्यक्ति हूँ जो अपनी दिव्यांगता के बावजूद अपनी पहचान बना रहा हूँ। मैंने अपनी क्षमताओं और गुणों को पहचाना है, और मैंने उन्हें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए उपयोग किया है। मेरी कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो दिव्यांगता के साथ जी रहे हैं। मैं उन्हें यह बताना चाहता हूँ कि दिव्यांगता एक चुनौती है अगर आप स्वीकार कर ले और चुनौती को आप अवसर बनाए जिससे जीवन आसान हो जाए।

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