ग्लूकोमा घटायें, देखने का दायरा बढ़ायें थीम पर ग्लूकोमा वॉक
(सुघर सिंह सैफई)
सैफई ( इटावा) स्मार्ट हलचल/उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई के नेत्र रोग विभाग तथा आप्टोमेट्री विभाग, पैरामेडिकल द्वारा विश्व ग्लूकोमा सप्ताह (9 – 15 मार्च) के अर्न्तगत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मुख्य कार्यक्रमों में ग्लूकोमा के प्रति जागरूकता हेतु वॉक फॉर ग्लूकोमा तथा ग्लूकोमा जागरूकता पर सेमिनार का आयोजन प्रमुख रहा।
वॉक फॉर ग्लूकोमा की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डा0 पीके जैन ने ग्लूकोमा वॉक को हरी झंडी दिखाकर की। इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो० डा0 रमाकान्त यादव, कुलसचिव चन्द्रवीर सिंह, संकायाध्यक्ष प्रो0 डा० आदेश कुमार, नेत्र रोग विभाग से विभागाध्यक्ष डा० रविरंजन, डा० रीना शर्मा, डा० ब्रजेश सिंह, डा० दीप्ती जोशी, डा० हिमांशी यादव, डा० अहमद हुसैन तथा आप्टोमेट्री विभाग, पैरामेडिकल से डा) कमल पंत, डा० गौरव दूबे, डा० प्रीति यादव, डा० आदित्य त्रिपाठी आदि ने भाग लिया। ग्लूकोमा वॉक में ग्लूकोमा घटायें, देखने का दायरा बढ़ायें थीम को केन्द्र में रखकर एमबीबीएस एवं पैरामेडिकल स्टूडेन्ट्स ने जनसामान्य को जागरूक किया। इस दौरान ग्लूकोमा के वैश्विक ऑकडों, लक्षण, इलाज तथा सावधानी पर एक सेमिनार का आयोजन भी किया गया।
वॉक फॉर ग्लूकोमा में बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० डा० पी०के जैन ने कहा कि विश्व ग्लूकोमा सप्ताह हर वर्ष 9 से 15 मार्च तक मनाया जाता है। 2025 के लिए यह थीम ‘भविष्य को स्पष्ट रूप से देखें‘ पर केन्द्रित है, जो दृष्टि हानि को रोकने के लिए प्रारम्भिक पहचान, नियमित नेत्र देखभाल और सामुदायिक शिक्षा के महत्व पर जोर देता है।
विभागाध्यक्ष, नेत्र रोग विभाग, प्रो0 डा० रविरंजन ने बताया कि वर्तमान में देश के करीब 12 लाख से अधिक लोग ग्लूकोमा जैसे नेत्र रोग से पीड़ित हैं जब कि वैश्विक स्तर पर यह ऑकडा 45 लाख तक है। खास बात यह है कि कई बार पीड़ित को ग्लूकोमा से पीड़ि़त होने का एहसास भी नहीं होता। वास्तव में इसी जागरूकता को बढ़ाने के लिए विश्व ग्लूकोमा सप्ताह की शुरूआत की गयी।