विश्व हिंदी दिवस
“हिन्दी हमारे लिए स्वाभिमान और गर्व की भाषा है”
“डॉ.कांता मीना”
राष्ट्रीयता का भाषा और साहित्य के साथ बहुत ही घनिष्ट और गहरा संबंध है : डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
विश्व में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत पहली बार 1953 में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के सुझाव पर हुईं थी।वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था।1975 से भारत,मॉरीशस,यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद और टोबैगो,संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विभिन्न देशों में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया। विश्व हिंदी दिवस पहली बार 10 जनवरी, 2006 को मनाया गया था। तब से यह विश्व हिंदी दिवस प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाये जाने की घोषणा की थी। उसके बाद से भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में 10 जनवरी 2006 को पहली बार विश्व हिन्दी दिवस मनाया था। हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिए
चार-पाँच अन्य देशों में इस सचिवालय के क्षेत्रीय कार्यालय खोलने पर विचार किया जाए। हिन्दी में ज्ञान-विज्ञान,प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी विषयों पर सरल एवं उपयोगी हिन्दी पुस्तकों के सृजन को प्रोत्साहित करना चाहिए साथ ही हिन्दी में सूचना प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने के प्रभावी उपाय किए जाएं। एक सर्वमान्य व सर्वत्र उपलब्ध यूनिकोड को विकसित व सर्वसुलभ बनाया जाए।
विदेशों में जिन विश्वविद्यालयों तथा स्कूलों में हिन्दी का अध्ययन-अध्यापन होता है उनका एक डेटाबेस बनाया जाए और हिन्दी अध्यापकों की एक सूची भी तैयार की जाए। यह सम्मेलन विश्व के सभी हिन्दी प्रेमियों और विशेष रूप से प्रवासी भारतीयों तथा विदेशों में कार्यरत भारतीय राष्ट्रिकों से भी अनुरोध करता है कि वे विदेशों में हिन्दी भाषा, साहित्य के प्रचार-प्रसार में योगदान करें। वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय में विदेशी हिन्दी विद्वानों के अनुसंधान के लिए शोधवृत्ति की व्यवस्था की जाए। केंद्रीय हिन्दी संस्थान भी विदेशों में हिन्दी के प्रचार-प्रसार व पाठ्यक्रमों के निर्माण में अपना सक्रिय सहयोग दे। विदेशी विश्वविद्यालयों में हिन्दी पीठ की स्थापना पर विचार-विमर्श किया जाए। हिन्दी को साहित्य के साथ-साथ आधुनिक ज्ञान-विज्ञान और वाणिज्य की भाषा बनाया जाए।
भारत द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर आयोजित की जाने वाली संगोष्ठियों व सम्मेलनों में हिन्दी को प्रोत्साहित किया जाए।
हिंदी भाषा के लिए हिंदी साहित्य के महान कवियों ने अपनी लेखनी के माध्यम से बखान किया है।
“अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ ने कहा की:
पड़ने लगती है पियूष की शिर पर धारा
हो जाता है रुचिर ज्योति मय लोचन-तारा
बर बिनोद की लहर हृदय में है लहराती
कुछ बिजली सी दौड़ सब नसों में है जाती
आते ही मुख पर अति सुखद जिसका पावन नाम ही
इक्कीस कोटि-जन-पूजिता हिन्दी भाषा है वही
जिसने जग में जन्म दिया औ पोसा, पाला
जिसने यक यक लहू बूँद में जीवन डाला
उस माता के शुचि मुख से जो भाषा सीखी
उसके उर से लग जिसकी मधुराई चीखी
जिसके तुतला कर कथन से सुधाधार घर में बही
क्या उस भाषा का मोह कुछ हम लोगों को है नहीं।
“भारतेंदु हरिश्चंद्र जी ने कहा की”:
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।
अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन
पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।
उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति होय
निज शरीर उन्नति किये, रहत मूढ़ सब कोय।
अब तक 12 विश्व हिंदी सम्मेलनो का आयोजन हों चुका है।
पहला विश्व हिंदी सम्मेलन
दिनांक: 10 से 14 जनवरी,1975
आयोजन स्थान : नागपुर (महाराष्ट्र)
उद्घघाटन : पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी
प्रतिभागी देश:30
प्रति निधियों की संख्या:122
दूसरा विश्व हिंदी सम्मेलन
दिनांक: 28 से 30 अगस्त,1976
आयोजन स्थान : पोर्ट लुई,मॉरीशस
प्रतिभागी देश:17
प्रति निधियों की संख्या:181
तीसरा विश्व हिंदी सम्मेलन
दिनांक: 28से 30 अक्टुबर,1983
आयोजन स्थान : नई दिल्ली,भारत
प्रतिभागी देश:30
प्रति निधियों की संख्या:260
चौथा विश्व हिंदी सम्मेलन
दिनांक: 02 से 04 सितंबर,1993
आयोजन स्थान : पोर्ट लुई,मॉरीशस
प्रतिभागी देश:10
प्रति निधियों की संख्या:206
पांचवा विश्व हिंदी सम्मेलन
दिनांक: 04से 08 अप्रैल,1996
आयोजन स्थान : त्रिनिदाद और टोबैगो,पोर्ट ऑफ स्पेन
प्रतिभागी देश:10
प्रति निधियों की संख्या:201
छठा विश्व हिंदी सम्मेलन
दिनांक: 14 से 18 सितंबर,1999
आयोजन स्थान : लंदन,यूके
प्रतिभागी देश:21
प्रति निधियों की संख्या:700
सातवां विश्व हिंदी सम्मेलन
दिनांक: 06 से 09 जून,2003
आयोजन स्थान : पारामारिबो सूरीनाम
प्रतिभागी देश:16
प्रति निधियों की संख्या:500
आठवां विश्व हिंदी सम्मेलन
दिनांक: 13 से 16 जुलाई,2007
आयोजन स्थान : न्यूयार्क, यूएसए
प्रतिभागी देश:20
प्रति निधियों की संख्या:800
9वाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन
दिनांक:22 से 24 सितम्बर 2012
आयोजन स्थान : जोहांसबर्ग,दक्षिण अफ्रीका
प्रतिभागी देश:30
प्रति निधियों की संख्या:200
इस सम्मेलन में विश्वभर के हिन्दी विद्वानों, साहित्यकारों और हिन्दी प्रेमियों आदि ने भाग लिया में।
दसवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन
दिनांक: 10 से 12 सितम्बर 2015
आयोजन स्थान : भोपाल,भारत
प्रतिभागी देश:50
प्रति निधियों की संख्या:2000
उद्घाटन भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने किया।
सम्मेलन का मुख्य विषय “हिन्दी जगत : विस्तार एवं संभावनाएं “था।
ग्यारहवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन
दिनांक :18 से 20 अगस्त,2018
आयोजन स्थान :पोर्ट लुई,मॉरीशस
ये सम्मेलन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी को समर्पित रहा।
12वां विश्व हिन्दी सम्मेलन
दिनांक :15 से 17 फरवरी,2023
आयोजन स्थान :नाड़ी ,फिजी
इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने किया था।
इस सम्मेलन का विषय हिन्दी पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम मेधा तक रहा।
डॉ.कांता मीना
शिक्षाविद एवं साहित्यकार ।