बूंदी – स्मार्ट हलचल|परम पूज्य गणिनी आर्यिका श्री 105 सत्यमती माताजी व आर्यिका हेमश्री माता जी ससंघ सान्निध्य में पिछले 96 दिनों से चली आ रही अखंड भक्तामर आराधना का 38 परिवारों द्वारा समापन हुआ। 38 परिवारो द्वारा पर 48 दीपो के द्वारा आराधना करने के बाद उपस्थित परिवारो ने आहुति दी। इस अवसर पर साधर्मि बंधुओ को संबोधित करते पूज्य माता जी ने कहा कि यह एक गहन एवं आध्यात्मिक शुभ अनुष्ठान है इसमें 48 छंद पढकर 48 तरह के अर्घ समर्पित किये जाते हैं। यह मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाने और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करने में भी सहायक माना जाता है। संकट निवारण: ऐसा माना जाता है कि यह जीवन में आने वाले संकटों को दूर करने में मदद करता है।
भक्तामर स्तोत्र के कई फायदे हैं, जिनमें मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार, आध्यात्मिक उन्नति, और जीवन में समृद्धि शामिल हैं। इसका नियमित पाठ मन को शांत करता है, तनाव और चिंता को कम करता है, और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। यह बीमारियों से राहत, बुरी नजर से सुरक्षा, और आध्यात्मिक बाधाओं को दूर करने में भी मदद कर सकता है। मीडिया प्रभारी अभिषेक जैन ने बताया कि इससे पूर्व समाज अध्यक्ष संतोष पाटनी, कोषाध्यक्ष रोबिन कासलीवाल,चातुर्मास समिति संयोजक दीपक गंगवाल, उप संयोजक छुट्टन बाकलीवाल व कोषाध्यक्ष संजय पाटनी,विनोद पाटनी व पारस छाबड़ा ने दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।


