चित्तौड़गढ़।स्मार्ट हलचल/11 लोगों पर गलत एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाते हुए समस्त अनुसूचित जाति जनजाति संगठन ने जिला कलक्टर को सौंपा ज्ञापन सौंपकर बताया कि विगत् 28 सितंबर 2024 की रात 8 बजकर मिनट पर भदेसर निवासी गोवर्धन लाल मेघवाल की आसावरा माता मैन रोड़ पर स्थित अपने घर से बाहर टहलने के दौरान उसे पीछे से एक अज्ञात वाहन टक्कर मार फरार हो गया, जिससे गोवर्धन लाल की मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। दुर्घटना की बात सुनकर कई पड़ोसी और स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए, लगभग एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मौके पर से लोगों को हटाकर शव अपने साथ लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदेसर चली गई और शव मोर्चरी में रखवा दिया। परंतु मृतक के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई।
अगले दिन दिनांक 29 सितंबर 2024 को यह खबर सुनकर मृतक के कई रिश्तेदार, पड़ोसी और अन्य समाजजन भदेसर से आसावरा मैन रोड़ पर स्थित उनके घर के पास पहुंचे लेकिन 10 बजे तक पुलिस द्वारा मृतक के परिवार जनों को न तो शव सुपुर्द किया और न ही कोई जानकारी दी।
तब वहां उपस्थित लोग स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से बात करने की मांग करने लगे, लेकिन काफी देर बाद दोपहर 12.00 बजे तहसीलदार और सीआई मौके पर पहुंचे और वहां उपस्थित लोगों में से कुछ युवाओं को समझाइश करने के लिए वहीं पड़ौस के घर पर ले गए और वहां पर तहसीलदार ने सभी लोगों से अपना अपना परिचय पूछा और कहा कि आप लोग रोड़ जाम करके गलत कर रहे हो और अपने लोगों से शीघ्र रोड़ खाली करके शव प्राप्त करो और उसका अंतिम संस्कार करो, हम प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार की पूरी सहायता करेंगे।
लेकिन इन लोगों के बाहर आते ही कुछ पुलिसकर्मी लाठियां लेकर आए और वहां उपस्थित लोगों को जबरन हटा दिया तथा उन सभी 11 लोगों पर रोड़ जाम करने और राजकीय कार्य में बाधा डालने की एफआईआर दर्ज कर दी, जो कि बिलकुल गलत है।
ज्ञापन में बताया गया कि इस संबंध में दिनांक 30 सितंबर 2024 को पीड़ित परिवार और अन्य समाजजनों ने उपखंड अधिकारी भदेसर को ज्ञापन दिया लेकिन अभी तक संबंधित कार्यालय से कोई सकारात्मक कार्यवाही की सूचना नहीं मिली है।
संगठन द्वारा जिला कलक्टर को अनुरोध किया है कि उक्त मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर मृतक गोवर्धन लाल मेघवाल के परिवार को न्याय दिलाने के लिए दुर्घटना कारित करने वाले वाहन का पता लगाकर वाहन मालिक और ड्राइवर के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए और पीड़ित परिवार को सहायता के रूप में उचित मुआवजा और राजकीय स्वास्थ्य बीमा योजना की राशि दी जावे। साथ ही उन निर्दोष 11 युवाओं के खिलाफ दर्ज गलत एफआईआर को निरस्त (शून्य) किया जावे और इस प्रकार की द्वेषता पूर्ण कार्यवाही करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही की जावे।
ज्ञापन सौंपते समय चित्तौड़गढ़ जिले से आए हुए सैकड़ों लोगों ने पहले तो जिला कलक्टर के बाहर धरना प्रदर्शन किया फिर नारेबाजी करते हुए जिला कलक्टर आलोक रंजन को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।