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मानसून सत्र की पहली बारिश के बहाव में ही बह गए नगर निगम की सफाई व्यवस्था के दावे, कॉलोनियां, चौराहे जलमग्न होने से खुली पोल

राहत के साथ आफ़त बनकर बरसे बदरा, नाले नालियां उबके, सड़कों पर पसरी गंदगी

(राजेश जीनगर, भीलवाड़ा)
वस्त्रनगरी में आज तड़के से मेघ जमकर मेहरबान हुए। अलसुबह से दोपहर तक बादल जमकर बरसे। जिसके चलते शहर की पोश कॉलोनियां, शहर के विभिन्न चौराहे जलमग्न हो गए। जिसमें मुख्यतः सांगानेरी गेट, शास्त्रीनगर, रोडवेज डिपो चौराहा, श्रीगेस्ट हाऊस, बीएसएनएल टावर मार्ग, रामद्वारा रोड, बाहला क्षेत्र, देवरिया बालाजी, सीताराम जी बावडी रोड़, तेजाजी चौक क्षेत्र, छीपा बिल्डिंग के पीछे बरसाती पानी भरने से मार्ग पुरी तरह से जाम हो गए।
जबकि दो दिन से जारी बरसात के बाद पुरे परवान और वैग के साथ तेजाजी चौक स्थित रपट चल पड़ी। इधर, बारिश के दौरान दुपहिया और चौपहिया वाहन चालकों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा। जबकि मानसुन की दस्तक की पहली बारिश ने ही नगर निगम की सफाई व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। सोशल मीडिया पर लोगों ने विडियो शेयर कर के निगम प्रशासन को आड़े हाथों लिया। शहर में हुई बारिश से लोगों को राहत तो मिली लेकिन कुछ ही देर में ही बारिश शहरवासियों के लिए आफत बनकर रह गई। जलभराव के कारण जगह-जगह जाम के हालात बन गए। शहर के मुख्य चौराहों पर तीन-तीन, चार-चार फिट तक पानी भर जाने से वाहन चालकों को परेशान होना पड़ा। रोड पर पानी भर जाने से वाहन चालकों को गड्ढे नजर नहीं आए, इससे कई जगह मेनहॉल में वाहन फंस गए। वस्त्रनगरी की सड़कों पर बारिश के दिनों में चलना जैसे जोखिम भरा हो गया। बारिश के बाद सड़कों के हालात देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है की मानसुन सत्र में आमजन को राहत देने के प्रति जिला प्रशासन, नगर निगम, जलदाय विभाग, पीडब्ल्यूडी अपने काम के प्रति कितनी गंभीर और जागरूक हैं। क्योंकी सड़कों की मरम्मत और पेचवर्क के नाम पर भी महज खानापूर्ति किए जाने की बात सामने आ रही है तो बारिश के इस मौसम में रही-सही कसर सीवरेज की खुदाई ने पुरी कर डाली। कुछ घंटों की बारिश ने जिला प्रशासन की अव्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। जगह-जगह गड्ढे सिस्टम की नाकामी को बयां कर रहे थे। ऐसा लग रहा है कि मानो पूरा सिस्टम गड्ढे में हो।
*नाले नालियां उबके, कचरा बहकर सड़कों पर निकला, घरों में घुसा पानी ….*
बारीश के साथ शहर के कई क्षेत्रों में नाले नालियों के उबकने से इनमें जमा कचरा बहकर सड़कों पर उतर आया तो निचली कॉलोनियों और कई क्षेत्रों में बरसाती पानी घरों तक में घुस गया। जिसके चलते क्षेत्रवासियों में नगर निगम प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है कि आखिर कब तक मानसुन सत्र में हमारे को इस तरह मुसीबत का सामना करना पड़ेगा, हमें इस मुसीबत से कब छुटकारा मिलेगा! आखिर हमारी कौन सुनेगा और कब सुनेगा ? उधर, दुसरी और बारिश थमने के साथ ही लोगों को शहर की सड़को पर पसरी गंदगी और किचड़ का सामना करना पड़ा।
*उपनगरीय क्षेत्र के हालात भी बदतर..*
बारीश के दौरान शहर से सटे उपनगरीय पुर, सांगानेर क्षेत्र के हालात भी बद्तर नजर आए हैं। यहां भी सफाई व्यवस्था के अभाव में नालियां उबक पड़ी और सारी गंदगी घरों के बाहर सड़कों पर आ जाने की बात सामने आ रही है। जिससे लोगों को दुर्गंध का भी सामना करना पड़ा। उपनगरीय क्षेत्र के लोग भी नगर निगम प्रशासन की अनदेखी और उदासीनता को कौसते नजर आए।
*जिला प्रशासन ने जारी किए, कन्ट्रोल रूम हेल्प लाइन नंबर*
मानसून सत्र की पहली बारिश और शहर के हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने कन्ट्रोल रूम स्थापित कर शहरवासियों की समस्यायों के तत्काल निराकरण के लिए हेल्प लाइन नंबर 01482 232671 जारी किया है। भारी बरसात के दौरान किसी भी सहायता के लिए संपर्क किया जा सकता है।

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