भीलवाड़ा । मंगलमय और प्राणमय जीवन बनाने के लिए मानव को कार्य करने की जरूरत है। पॉजिटिव सोच रखने से ही मानव को सफलता मिल सकती है। नकारात्मक सोच मनुष्य की ऊर्जा शक्ति को समाप्त करती है यह विचार आज शांति जैन अतिथि गृह में विराजित मेवाड़ उपप्रवर्तक कोमल मुनि मसा ने धर्मचर्चा के दौरान व्यक्त किये। लोगों को सदमार्ग पर चलने, बड़ों का आदर करने, हमेशा दयालु बनने, निस्वार्थ होकर सामाजिक उत्थान करने, बच्चों को अनुशासित और संस्कारी बनाने का पाठ पढ़ाया। कोमल मुनि मसा ने फरमाया की देश की युवा पीढ़ी राष्ट्र का भविष्य है। उन्हें जैन धर्म के सिद्धांतों और शिक्षाओं से जोडा जाना बहुत आवश्यक है चूंकि यह एक चिंतनीय विषय है की युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति तथा भौतिकता की चकाचौंध में वह धर्म के वास्तविक जीवन मूल्य से भटक कर गलत दिशा की ओर अग्रसर हो रही है।आज का युवा भारतीय संस्कृति और सभ्यता से मुख मोड़ रहा है। टीवी चैनल, इंटरनेट और व्हाट्स एप आदि की वजह से उनका सारा समय बर्बाद हो रहा है। वे अपने जीवन के लक्ष्य से भटक रहे हैं। इससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास की गति धीमी हो रही है। भारत देश में माता-पिता, मित्र,धर्म,जीवन- मूल्यों आदि का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है जिनसे विमुखता का हमारी संस्कृति, संस्कारों और परिवारों में व्यापक असर दृष्टिगोचर होने लगा है। नवदीक्षित हर्षित मुनि मसा ने भी अपने भाव व्यक्त किए।
मनीष बंब ने बताया की मेवाड़ उपप्रवर्तक गुरुदेव कोमल मुनि म.सा., नवदीक्षित हर्षित मुनि मा.सा का चातुर्मास मंगल प्रवेश गुरु अम्बेश की दीक्षा स्थली मंगलवाड चौराहा पर दिनांक 15 जुलाई को होगा जिसमें भीलवाड़ा से भी बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाए शामिल होंगे।
इस दौरान श्री अंबेश सौभाग्य नवयुवक मंडल संयुक्त मेवाड़ के सरक्षक अनिल खटोड़, अध्यक्ष प्रमोद सिंघवी, प्रचार प्रसार मंत्री मनीष बंब, नवीन नाहर, वीरेंद्र भंडारी, मुकेश मेडतवाल आदि उपस्थित थे।