*जैनाचार्य प्रवर पुंडरीक रत्न सूरीश्वर महाराज का महा प्रयाण*
*पाली से नाकोड़ा आते वक्त सड़क हादसे में हुआ देवलोक गमन*
ब्यावर,
परम पूज्य जैनाचार्य प्रवर, राष्ट संत पुंडरीक रत्न सूरीश्वर जी म.सा.का बुधवार सवेरे पाली से नाकोड़ा जी (विहार) आते समय दुर्घटना में महाप्रयाण हो गया है। जैनाचार्य प्रवर को पाली जिले के जाड़न गांव के समीप तेज गति से आ रहे एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इस गंभीर हादसे में गुरुदेव श्री के सिर में गंभीर चोट लगी। उन्हे उपचार हेतु तत्काल पाली के बांगड़ अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हादसे की जानकारी होने पर घटना स्थल पर पाली, रोहट,जोधपुर के संघ प्रमुख पहुंचे एवम बांगड़ अस्पताल में भारी तादाद में जैन धर्म से जुड़े अनुयायी जुटे।
*इस वर्ष का चातुर्मास नाकोड़ा महातीर्थ में होना था….*
नाकोड़ा तीर्थ से जुड़े युवा समाज सेवी प्रकाश जैन ने बताया कि लगभग 70 वर्षीय जैनाचार्य प्रवर के दिव्य सानिध्य में हाल ही में गांव अंटाली में भव्य दीक्षा महोत्सव सानंद सम्पन हुआ था। गुरुदेव जैनाचार्य प्रवर पूज्य श्री पुंडरीक सूरीश्वर जी म.सा.का इस
वर्ष का चातुर्मास (वर्षावास) नाकोड़ा महातीर्थ में होना था। इस हेतु वे गांव गांव, ढाणी ढाणी पैदल विहार करते हुए भगवान महावीर के दिव्य संदेशों का अलख जगाते हुए नाकोड़ा तीर्थ आ रहे थे।
*जिनशासन ने दिव्य विभूति को खो दिया है …रमेश मुथा*
श्री नाकोड़ा महातीर्थ के चेयरमैन समाज सेवी रमेशचंद मुथा ने कहा कि जैनाचार्य प्रवर पूज्य गुरुदेव श्री के एकाएक महाप्रयाण से जैन धर्म की दिव्य विभूति अस्त हो गई है। समाज ने जिनशासन की दिव्य विभूति को खो दिया है।नाकोड़ा महातीर्थ कोषाध्यक्ष जीतू भाई चौपड़ा,ट्रस्टी पुरषोत्तम सेठिया, रमेशचंद पारख, भरत मेहता, गणपत बुरड़,तीर्थ सीईओ सुरेन्द्र राज सिंघवी, मैनेजर आर के मेहता ने कहा कि पूज्य गुरुदेव के देवलोक गमन से संघ समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।
पूज्य गुरुदेव श्रुत रक्षा,प्राचीन ज्ञान भंडार सहित जैन धर्म के विविध विषयों पर संशोधन के कार्य में जुटे हुए थे।