चित्तौड़गढ़, 15 सितंबर। स्मार्ट हलचल|सोमवार सुबह चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर कार्यालय के बाहर से हाथ में तिरंगा लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर रिठौला निवासी जयपाल ओड़ तीन साल में छठवीं बार दिल्ली के लिए पैदल रवाना हुआ।
प्राप्त जानकारी अनुसार जयपाल ओड़ ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है फिर भी देश के पढ़ें लिखे लोगों को जगाने का प्रयास कर रहा है। जयपाल को जनसंख्या विस्फोट के कारण आने वाले दिनों में उपलब्ध संसाधनों की कमी का पूर्वानुमान भी है। जयपाल का कहना है कि मेरे पढ़ें लिखे मार्गदर्शक गुरु जनों की टीम के मार्गनिर्देशन और मेरे आत्मबल के कारण मैं सरकार को जगाने का भरसक प्रयास कर रहा हूं लेकिन अब तक तो सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि खुले आंखों से सो रही हमारी राज्य और केंद्र की सरकारें भी जल्द ही जनसंख्या विस्फोट की ओर ध्यान देगी और जनसंख्या नियंत्रण कानून भी देश में जल्द ही लागू होगा जिससे देश में सीमित संसाधनों का लाभ हमारी जनता को मिल सकेगा।
जयपाल ओड़ पहले जयपुर पहुंच कर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बाद दिल्ली प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम ज्ञापन देंगे। चित्तौड़गढ़ से दिल्ली तक जयपाल पैदल ही सफ़र करेंगे रात्रि विश्राम के लिए और भोजन की व्यवस्था रास्ते में राष्ट्रभक्तों द्वारा की जाएगी।
जय पाल ने बताया कि चित्तौड़गढ़ से दिल्ली प्रधानमंत्री कार्यालय तक पैदल तिरंगा यात्रा की शुरुआत आज से तीन साल पहले सितम्बर माह में प्रारंभ की थी जो कि अनवरत आज तक जारी है। जयपाल ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर भारत के हर नागरिक को पक्का मकान मिले, अच्छी हवा मिले, पीने लायक पानी मिले, सबको खाने लायक भोजन मिले के संकल्प को ध्यान में रखते हुए यात्रा की शुरुआत की थी। इसी यात्रा को ध्यान में रखते हुए इस बार दिल्ली पहुंच कर जयपाल का लक्ष्य हासिल 3600 किलोमीटर की यात्रा पूरी हो जाएगी।
सोमवार को जिला कलक्टर कार्यालय के बाहर से आमजन एवं शहर के प्रबुद्ध जनों में से समाजसेवी अभियंता अनिल सुखवाल, प्रवीण जैन बारु, महेश बुलचंदानी, किशोर सिंह, जोगेंद्र सिंह होड़ा, राजकुमार सामरिया, करण ओड़, पूर्व सरपंच भगवती लाल, कमलेश ओड़, अम्बेश ओड़, अमर सिंह सोनावत, शिवलाल ओड़, नवीन तोलानी, रामलाल गहलोत, सुरेश छीपा, दर्शन गुरनानी, अनिल पोखरना, ऊंकार लाल ने तिरंगा झंडे के साथ जयपाल को मालाएं पहनाकर शुभकामनाएं देते हुए रवाना किया।


