17 वर्ष छात्रा व 19 वर्ष छात्र वर्ग में गणपति खेड़ा को हराकर खिताब पर कब्जा,तीनों आयु वर्गों में चैंपियन बन खामोर ने रचा इतिहास
शाहपुरा@(किशन वैष्णव)खेल की भावना,परिश्रम और सामूहिक तालमेल का अद्भुत उदाहरण पेश करते हुए खामोर की छात्र-छात्राओं ने जिला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में धाकड़ प्रदर्शन किया। खेल मैदान पर उनका जोश,अनुशासन और खेल कौशल दर्शकों को रोमांचित कर गया। यह जीत केवल पदक या ट्रॉफी तक सीमित नहीं रही, बल्कि पूरे क्षेत्र में खेल संस्कृति को नई ऊर्जा देने वाली साबित हुई।राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शिवपुर ब्लॉक करेड़ा में आयोजित 69वीं जिला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में 19 वर्ष छात्र वर्ग के फाइनल मुकाबले में खामोर की टीम ने शानदार रणनीति और खेल कौशल के साथ गणपतिया खेड़ा की टीम को 2-0 से पराजित किया। खिलाड़ियों ने गेंद पर नियंत्रण, पासिंग और टीम वर्क का बेहतरीन उदाहरण पेश किया। निर्णायक क्षणों में खिलाड़ियों ने न केवल आक्रमण को मजबूत किया, बल्कि रक्षा पंक्ति को भी मजबूती से संभाला।
शाहपुरा ब्लॉक के डोहरिया में आयोजित 17 वर्ष छात्रा वर्ग के फाइनल में भी खामोर की बालिकाओं ने अदम्य साहस दिखाया। शांत परंतु दृढ़ खेल शैली के साथ उन्होंने गणपतिया खेड़ा की टीम को 2-0 से हराकर अपने कौशल का लोहा मनवाया। हर गोल मानो अभ्यास, अनुशासन और आत्मविश्वास का परिणाम था।वहीं,8 सितंबर को जोरावरपुरा मांडल में आयोजित 14 वर्ष जिला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में खामोर की छात्र वर्ग ने रलायता को और छात्रा वर्ग ने भीमपुरा को हराकर पूरे जिले में अपनी पहचान कायम की। इन मैचों में युवा खिलाड़ियों की गति, फुर्ती और खेल भावना ने सबका मन मोह लिया।व्याख्याता विशाल सारस्वत ने कहा यह जीत केवल खेल की नहीं, बल्कि खामोर के युवाओं की मेहनत, समर्पण और टीम भावना की जीत है। खिलाड़ियों ने अनुशासन और परिश्रम से यह साबित कर दिया कि उचित प्रशिक्षण और सकारात्मक वातावरण मिलते ही ग्रामीण प्रतिभाएँ भी राष्ट्रीय स्तर तक चमक सकती हैं।गांव के खेल प्रेमियों और अभिभावकों ने टीम के खिलाड़ियों को सम्मानित कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही विद्यालय प्रशासन ने खिलाड़ियों की इस उपलब्धि को खेल के क्षेत्र में प्रेरणा स्रोत बताया।डोहरिया में आयोजित फाइनल मुकाबले में समाजसेवी बलवंत सिंह ने खामोर की टीम को प्रतीक गोल पर 500 रुपए का पुरस्कार दिया,ओर कहा कि प्रतियोगिताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि खामोर जैसे ग्रामीण क्षेत्र में भी खेल को लेकर उत्साह कम नहीं है। मैदान में खिलाड़ियों का समर्पण, तेज़ी, आत्मविश्वास और समन्वय देखकर दर्शक तालियाँ बजाते नहीं थक रहे थे। हर मैच में खिलाड़ियों ने दर्शाया कि जीत का मूल मंत्र मेहनत, टीम भावना और लक्ष्य के प्रति निष्ठा है।इन जीतों ने क्षेत्र के अन्य युवाओं में खेल के प्रति जागरूकता और प्रेरणा का संचार किया है। विद्यालय में खेल उपकरणों की उपलब्धता, प्रशिक्षकों का मार्गदर्शन और खिलाड़ियों की लगन राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खामोर की पहचान बन रही है।