शाहपुरा|स्मार्ट हलचल|शाहपुरा में भाजपा नेता और ब्याज का धंधा करने वाले दिलीप गुर्जर पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस जांच में उनकी करीब 45 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्तियां सामने आई हैं। पुलिस के डर से आरोपी फरार हो गया। यह कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव के निर्देश पर की गई।
डीएसपी ओम प्रकाश बिश्नोई ने बताया कि अगस्त और सितंबर माह में दिलीप गुर्जर के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों में ब्याज पर पैसे देते समय खाली स्टांप और चेक पर हस्ताक्षर करवाने, मूलधन व ब्याज चुकाने के बाद भी लोगों के घर, प्लॉट या जमीनों पर कब्जा कर लेने के आरोप शामिल थे।
जांच में यह भी सामने आया कि दिलीप गुर्जर के पास ब्याज लेनदेन के लिए कोई बैंकिंग लाइसेंस नहीं है। पुलिस को पता चला कि खेती-बाड़ी के अलावा उनकी आय का कोई अन्य वैध स्रोत नहीं है। उनके पास किसी प्रकार का जीएसटी रजिस्ट्रेशन या इनकम टैक्स रिटर्न की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, जिससे उनकी आय के वैध स्रोत पर सवाल खड़े होते हैं।
इसके बावजूद, शाहपुरा नगर पालिका क्षेत्र में उनके पास करीब 35 मकान और प्लॉट हैं। गुर्जर ने शहरी क्षेत्र में कई बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कराया है, जिनमें लाखों रुपए का निवेश किया गया है। इसके अतिरिक्त उनके पास 300 बीघा कृषि भूमि होने की जानकारी भी सामने आई है।
डीएसपी बिश्नोई ने बताया कि पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि उनके परिवार या किसी निकट संबंधी द्वारा इन संपत्तियों के संबंध में कोई इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है। पुलिस जांच में उनकी कुल संपत्तियों की बाजार कीमत करीब 45 करोड़ रुपए आंकी गई है।
डीएसपी बिश्नोई ने पत्रकारों को बताया कि नए नियम के अनुसार यदि कोई व्यक्ति आपराधिक तरीके से संपत्ति अर्जित करता है, तो जिला पुलिस अधीक्षक की स्वीकृति के बाद पर्याप्त सबूतों के आधार पर कोर्ट में इस्तगासा पेश किया जाता है। यदि मामला सत्य पाया जाता है, तो ऐसी बेनामी संपत्तियां कुर्क कर दी जाती हैं।
उन्होंने बताया कि अगस्त में दर्ज प्रकरण में इसके खिलाफ पर्याप्त सबूत थे, लेकिन गुर्जर द्वारा हाई कोर्ट से स्टे ले लिया गया था। सितंबर माह में दर्ज प्रकरण में भी उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत थे। उसे पुलिस कार्रवाई की भनक लग जाने पर भूमिगत हो गया है। पुलिस द्वारा उसकी तलाश की जा रही है।
उन्होंने बताया कि गुर्जर द्वारा नगर पालिका क्षेत्र में कई मल्टी स्टोरी इमारतों का निर्माण कराया जा रहा है। जिनकी नगर पालिका से ना तो कोई निर्माण स्वीकृति ली गई है ना कोई जानकारी उपलब्ध है। इसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है।


