25 लाख दीयों से जगमगाई काशी:
(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
वाराणसी। स्मार्ट हलचल|देव दीपावली पर काशी का हर घाट आस्था के प्रकाश से झिलमिला उठा। गंगा और वरुणा तट पर जब 25 लाख दीपकों ने एक साथ अपनी लौ बिखेरी, तो ऐसा लगा मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो। रोशनी की इस अद्भुत सजावट को देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु उमड़े पड़े रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमो घाट पर मां गंगा और बाबा विश्वनाथ का पूजन कर दीप प्रज्ज्वलित किया। इस दौरान घाट पर गूंजते “हर-हर महादेव” के जयघोष से पूरा वातावरण शिवमय हो गया। मुख्यमंत्री ने क्रूज पर सवार होकर गंगा आरती और लेजर लाइट शो का भी आनंद लिया।
रोहनिया के शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर माधोपुर घाट को सवा लाख दीपों से सजाया गया था। दीपक जलते ही पूरा घाट मानो तारों से लद गया। शूलटंकेश्वर महादेव का भव्य श्रृंगार किया गया और पुजारी राजेंद्र गिरी के नेतृत्व में गंगा आरती की गूंज ने श्रद्धा का समंदर बहा दिया।
जिला प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। ड्रोन से निगरानी करते हुए हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही थी। जब ड्रोन कैमरे ने ऊपर से घाटों का दृश्य कैद किया, तो वह दृश्य अविस्मरणीय बन गया—नदी का जल दीपों की रौशनी में सोने सा चमक रहा था।
नमो घाट पर इस वर्ष की देव दीपावली विशेष रूप से भव्य रही। हजारों श्रद्धालु सीढ़ियों पर बैठे और नावों से आरती का नज़ारा देखते हुए भाव-विभोर हो उठे। लोगों ने अपने कैमरों में उस क्षण को कैद किया, जब लाखों दीयों की लौ एक साथ हिलोरें मारती दिखाई दी।
सारनाथ के तिलमापुर स्थित ब्रह्मचारीजी चतुरानंद रंगील दास पोखरे पर भी दीपदान का आयोजन हुआ, जहां सैकड़ों श्रद्धालु जुटे। हजारों दीपों की लौ ने पोखरे को उजास से भर दिया और वातावरण में भक्ति की सुगंध फैल गई।
लोक चेतना संस्था ने इस बार भी स्कूली बच्चों के साथ मिलकर वरुणा नदी के घाटों को रौशन किया। बच्चों ने एक-एक करके दीयों में तेल और बाती रखकर आस्था की अलौकिक छटा बिखेरी। घाट पर पहुंचे महिला-पुरुषों ने भी इस सेवा में हाथ बटाया, और देखते ही देखते वरुणा तट दीपमालाओं से जगमगा उठा।
काशी की यह देव दीपावली सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आस्था, कला और संस्कृति का जीवंत संगम थी। जब गंगा तट पर जलते दीयों ने रात के अंधेरे को हराया, तब हर कोई बस यही कह उठा “देव दीपावली काशी की, जगमग करे काशी नगरी!”


