@ महेन्द्र धाकड़
चित्तौड़गढ़। जिला मजिस्ट्रेट आलोक रंजन ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बनाए रखने एवं पक्षियों के लिए बड़े पैमाने पर खतरा बन चुके ‘धातु निर्मित मांझा (पतंग उड़ाने के लिये पक्का धागा, नायलोन/प्लास्टिक मांझा, चाईनीज मांझा जो सिंथेटिक/टोक्सीक मेटेरियल यथा आयरन पाउडर, ग्लास पाउडर का बना हो)‘ की थोक एवं खुदरा बिक्री तथा उपयोग चित्तौड़गढ़ जिले की राजस्व सीमा/क्षेत्राधिकारिता में निषेध/प्रतिबंधित करने हेतु आदेश जारी किए है। साथ ही पतंग उडाने के दौरान पक्षियों को पतंग/मांझा से होने वाले नुकसान से बचाने के लिये प्रातः 6 बजे से 8 बजे तक तथा सांय 5 बजे से 7 बजे तक की अवधि में पतंग उडाने पर पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा। यह आदेश 12 जनवरी की मध्यरात्रि से लागू होकर दो माह तक प्रभावी रहेगा।