राबाउमा विद्यालय सांगानेर में सहो नहीं कहो के नारे के साथ सम्पन्न हुई घरेलू हिंसा कार्यशाला
(पंकज पोरवाल)
भीलवाड़ा। स्मार्ट हलचल/महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शनिवार को बाल व महिला चेतना समिति और डायरेक्ट एक्शन फॉर वूमेन नाऊं के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सांगानेर में घरेलू हिंसा पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। संस्था अध्यक्ष तारा अहलूवालिया ने कार्यशाला में उपस्थिति छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा, चाहे वह शारीरिक, मानसिक या आर्थिक, इसे रोकने के लिए महिलाओं को सशक्त और जागरूक होना बेहद आवश्यक है। अहलूवालिया ने सखी सेंटर, महिला सलाह सुरक्षा केंद्र, चाइल्ड लाइन, पुलिस हेल्पलाइन, एंबुलेंस सेवा, और बाल कल्याण समिति जैसी सेवाओं के बारे में छात्राओं को विस्तार से बताया जिससे कि आपातकालीन स्थिति में इन सेवाओं का सही तरीके से उपयोग किया जा सके। कार्यशाला में उदयपुर की सामाजिक कार्यकर्ता शशिप्रभा ने महिला सुरक्षा और उनके अधिकारों से संबंधित विभिन्न कानूनों जैसे पॉक्सो एक्ट, घरेलू हिंसा अधिनियम-2005, और बाल विवाह निषेध अधिनियम, बाल विवाह शून्यीकरण पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए कानूनों की जानकारी होनी चाहिए और उन्हें समझना चाहिए कि उनके पास मदद मांगने के लिए कौन-कौन से साधन उपलब्ध हैं। कार्यशाला में विशेष तौर पर इस बात पर जोर दिया गया कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए पहले उन परिस्थितियों और परिभाषाओं को बदलने की जरूरत है जो महिलाओं को कमजोर मानती हैं। इसमें शारीरिक, मानसिक, यौन हिंसा, छेड़छाड़, आर्थिक हिंसा और बौद्धिक उत्पीड़न जैसी सभी प्रकार की हिंसा की चर्चा की गई। तारा अहलूवालिया ने घरेलू हिंसा के मामलों में सेवा प्रदाताओं और सुरक्षा अधिकारियों की भूमिका को भी विस्तार से समझाया और कहा कि बाल विवाह और महिला उत्पीड़न के मुद्दों पर भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इस कार्यक्रम में छात्राओं ने घरेलू हिंसा, बाल विवाह, और महिलाओं के अधिकारों के बारे में अपने विचार साझा किए। कार्यशाला का समापन महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के संकल्प व सहो नहीं, कहो के नारे के साथ हुआ। तारा अहलूवालिया ने समाज में महिलाओं व बच्चियों पर लगातार हो रही हिंसा पर चिंता व्यक्त की। कार्यशाला में विद्यालय की प्रधानाचार्या संगीता लढ़ा व संस्था के कार्यकर्ता श्याम लाल, विशाल चन्नाल, गरिमा पंचोली, भावना जोशी व परमेश देव ने सहयोग किया।