बदनोर। ब्यावर जिले के बदनोर ग्राम पंचायत में संचालित श्री देव कामधेनु गोशाला द्वारा जयमल सर्किल पर एकत्रित होकर ढोल बजाते हुए तहसील कार्यालय में नायब तहसीलदार गणेश लाल रेगर को जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि बदनोर पटवार हल्का में खसरा संख्या 2511, जो बंजर भूमि में दर्ज है, कुल 16.800 हेक्टेयर भूमि पर पिछले 7 वर्षों (वर्ष 2017 से) से श्री देव कामधेनु गोशाला सेवा समिति गोशाला का संचालन कर रही है। इस भूमि पर चारों ओर पक्का निर्माण करवा कर चारदीवारी के लिए नींव खुदवाई गई है, और वर्तमान में निर्माण कार्य चालू है। इस गोशाला में करीब 200 गोवंश पल रहे हैं, और सरकार से अनुदान भी प्राप्त हो रहा है।
ज्ञापन में बताया गया कि इस खसरे की भूमि की बढ़ती कीमतों के चलते भूमाफिया सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने ग्राम पंचायत बदनोर और पटवारी से मिलकर एक फर्जी नंदीशाला की स्थापना कर इस भूमि पर कब्जा करने का ज्ञापन में बताया गया कि इस खसरे की भूमि की बढ़ती कीमतों के चलते भूमाफिया सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने ग्राम पंचायत बदनोर और पटवारी से मिलकर एक फर्जी नंदीशाला की स्थापना कर इस भूमि पर कब्जा करने की कोशिश की है, और इसका म्यूटेशन ग्राम पंचायत बदनोर के नाम पर खोल दिया है। जबकि वर्ष 2017 से श्री देव कामधेनु गोशाला समिति ने इस भूमि के आवंटन के लिए कलेक्टर ऑफिस भीलवाड़ा में आवेदन कर रखा है, जिसकी फाइल एसडीएम ऑफिस और तहसील कार्यालय में लंबित है। गोशाला सचिव सूरज पुरी ने बताया कि यह भूमि पिछले 6-7 वर्षों से गोशाला के उपयोग में है, और अब कुछ व्यक्तियों द्वारा नंदीशाला के नाम पर इस भूमि पर कब्जा किया जा रहा है। गौ सेवक दिनेश माली ने सवाल उठाया कि जब पहले से ही गोशाला संचालित है, तो ग्राम पंचायत किस आधार पर इसे आवंटित करने की सोच रही है। पूर्व सरपंच प्रतिनिधि अनिल जायसवाल ने भी बताया कि गोशाला पिछले 5-7 सालों से संचालित है, और वर्ष 2022 से इसे अनुदान भी प्राप्त हो रहा है। ग्रामीणों ने इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है।