Homeसोचने वाली बात/ब्लॉग"ये लल्लन जी नही, लोकतंत्र के बलात्कारी हैं"Rapists of democracy

“ये लल्लन जी नही, लोकतंत्र के बलात्कारी हैं”Rapists of democracy

कालेज को लूट के जमीर विहीन लल्लन जी व इनके लूटेरी गैंग-अमीर हुआ जा सकता,अमर नही!धृतराष्ट्र भी सकपका रहा है। धृतराष्ट्र सिर्फ अपने पाड़ा पुत्रों के मोह में ही नही था वो पूरे हस्तिनापुर के आर्थिक तंत्र पर कब्जे में था जिससे उसके बेगैरत परिवार और नजदीकी रिश्तेदारों को चाटने चूसने में कोई कमी नही रही। पैसे और किसी तरह सत्ता पर पकड़ के कारण उस वक्त के सारे लड़ाके दंभी दुर्योधन के गणेश परिक्रमा में अव्वल थे।किसकी हिम्मत थी जो दुर्योधन के सामने दांत निपोरने व जूती सीधी करने के शिवाय कुछ बोल सकें? विनोद सिंह बांसडीह की हिम्मत है कि कह दें कि मेरा दामाद (दुर्योधन का लड़का) भले ही बेरोजगार रहेगा लेकिन पब्लिक का चालिस लाख रुपया,मास्टर बनाने के लिए नही चाहिए। लेकिन इन मांस्टर्स के बापजी का तो रुपैया है नही ,सो लगा दिया और बना दिया! उखाड़ लो,जिसको जो उखाड़ना है। फिर क्यों नही चप्पल चाट चाटुकारिता करेंगे? विनोद सिंह की क्या किसी की औकात है जो चालिस लाख रुपए घोंट लें?अब कहेंगे कि कि क्या सबूत है?तो पब्लिक भी जान रही है और शासन भी जान रही है और उस विद्यालय का प्रबंधन (प्रबंधकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों) भी जान रहा है कि चपरासी के लिए भी पंद्रह से बीस लाख रुपए तक देने पड़ते हैं।।हम क्यों नहीं मांग करें कि लोभी लालची,लिची चाटने के लिए किसान पीजी कॉलेज रक्सा रतसड़ बलिया यूपी के आर्थिक साम्राज्य पर कोई बांसडीह की तरफ से लूटने के लिए आक्रमण कर रहा है तो कोई पहाड़ पुर की तरफ से तो कोई सरजू,घाघरा,गंगा पार से ?और ये सब लोकल जयचंदो के बगैर कैसे संभव हो सकता है तो लूट गैंग बढ़ाने के लिए अपनी टोली में चपरासी बनने के लायक नही, उसे प्रबंधक बना दिया।अपने बहनोई को कार्यसमिति का उपाध्यक्ष बना दिया। शिव परिसर के प्रभारी खास भाई शेषनाथ व इनके भाई अवधेश और जो बहनोई हैं सभी को सदस्य बना दिया।जब सब अपना हो तो चालिस लाख क्या, कुछ भी हथकंडा अपनाएंगे,भले ही हस्तिनापुर लूट जाए, क्या इनके बापों का जाता है। भारत ऐसे ही तंत्रों के सहारे चल रहा है।अभी तो सिर्फ छोटी सी टेरोटेरी में करोड़ों रेल के लोकतंत्र का कतल किया जा रहा है तो समझा जा सकता है कि अगर टेरोटेरी को थोड़ा इंटीग्रेशन किया जाए तो दुनिया का सबसे बड़ी घपलेबाजी ऐसे ही लोगों द्वारा कारित करी जा रही है। इनके लोकतंत्र को एक लाइन में समझा जा सकता है कि किसी को किसान पीजी कालेज में नही रखा जाएगा तो अपने भाई(टीचर )व बेटों(पुस्तकालय लिपिक- इसमें भी लोचा लग रहा है व बाबू) को कैसे रख लिया? सदस्यों की सूची में अपने भाई,चाचा, बहनोई,समधी,साले,नाना वाले, ससुराल वाले व कुछ अपने गुलाम सभी को शामिल कर लिया,अब कौन सा बिल नही है जो पास नही हो सकता?
हम तो ईडी, सीबीआई और जितनी एजेंसी हैं उन तक पहुंचेंगे और मांग करेंगे कि ये कैसी सूची बनाए हैं जिसमें अस्सी फीसदी,इसी फ्रोजरी के हैं।न आरक्षण का ख्याल रखा गया है और न किसी तरह का ऐसा डायरेक्शन।एक घोटाला ये भी है कि इनके कालेज में जितनी भी नियुक्ति है कि सी को नियुक्ति पत्र, नियोक्ता द्वारा नही दिया गया।हम आरटीआई से इनके सदस्यों की सूची भी मांगी लेकिन ये लोकतंत्र के बलात्कारी अद्यतन नही दिया।तो हम क्यों नही और काउंटर की तरफ देखें?मान रहा हूं कि इन दैत्यों से लड़ना आसान नही लग रहा। वर्षों से लूट के लिए होमवर्क हुआ है दुर्योधन मंडली की।बड़ी ही कंटक भरी राहों पर हैं,इन रारियों के कारण। क्योंकि ये रारी अपने कांटों को भी मखमली एहसास का परसेप्शन बना लेंगे और गलत नरेटिव सेट कर मुझे टार्गेट कर रहे हैं।क्योंकि जो लाखों की रिश्वत से मास्टरी खरीद सकता है,लाखों देकर थाने से अपने लड़के को ३०७ से बरी करा सकता है। फिर भी लोकतंत्र के कुपातर खंभे तो उखड़ेंगे ही,इसी उम्मीद के साथ आपका रवि शंकर सिंह एडवोकेट,रक्सा,रतसड़,बलिया,यूपी

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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