बढ़ते खतरे के संकेत से जरा कल्पना कीजिए, कैसा होगा 2047 का भारत….??
भीलवाड़ा, राजेश जीनगर । “शुगर तो नहीं है, लेकिन मैं चाय फीकी ही पीता हूं” यह शब्द जब एक चाय की थड़ी पर लोगों के कान में पड़े तो हर कोई उत्सुकतावश पुछ बैठा की ऐसा क्यों ? जब शुगर नहीं है तो चाय तो मीठी ही लिया किजिए, तब सज्जन व्यक्ति ने जवाब दिया की अपने स्वास्थ्य के प्रति खुद ही जागरूक होना पड़ेगा, शुगर जैसी बीमारी से एक ये बचाव ही सबसे बड़ा उपचार है की आप पहले से ही सचेत रहें ताकी शुगर के अलावा अन्य बीमारियों से भी बचा जा सके। वहीं दूसरी और आप कल्पना कीजिए की जिस तरह से डायबिटीज ने अपने पैर पसारे है, इस स्थिति में वर्ष 2047 का भारत कैसा होगा और इस रोग से ग्रस्ति रोगियो का कितने प्रतिशत ग्राफ होगा। अस्पतालों में हालात ये हैं की शरीर की किसी भी तरह की तकलीफ़ को लेकर चिकित्सक के पास जाओ तो आपकी तकलीफ पुछने के बाद मेडिसिन लिखने से पहले ये जरूर पुछेगा की पहले से तो किसी तरह की दवाई नहीं चल रही है, शुगर बीपी या थाइराइड की ?? वहीं, चिकित्सक द्वारा ये पुछा जाना आम होता जा रहा है। क्योंकि यहां अशुद्ध और रासायनिक खान-पान से हर चौथा व्यक्ति किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त हैं, खासकर की शुगर। ऐसे में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) और सरकारों द्वारा इस गंभीर बीमारी को काबू करने के लिए कब और क्या कदम जाएंगे, ये बड़ा सवाल है। दुसरी और चिकित्सक अपनी चिकित्सा पद्धति व जागरूकता शिविर के माध्यम से इसे कैसे कन्ट्रोल कर सकते हैं, चिकित्सकों को भी इस पर विचार करना आवश्यक हो गया है।
डायबिटीज और उसके लक्षण क्या है ?
जब शरीर के पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है, मतलब कम मात्रा में इन्सुलिन पहुंचता है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं। इन्सुलिन की बात करें, तो यह एक तरह का हार्मोन होता है। जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से बनता है। इसका काम भोजन को ऊर्जा में बदलना होता है। वहीं इसके लक्षण की बात करें तो इनमें प्रथम दृष्टया अधिक प्यास लगना, हर थोड़ी देर में वॉशरूम जाना, भूख अधिक लगना, वजन कम होना, बेहोशी आना, दौरा पड़ना आदि है। वहीं मधुमेह को खतरनाक बीमारी माना जाता है। इससे बचने के लिए सही खानपान के साथ जीवनशैली भी सही किया जाना बेहद जरूरी हो गया है।
विशेषज्ञों की मानें तो.. डायबिटीज आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनहेल्दी लाइफस्टाइल, अनहेल्दी फूड्स के सेवन और फिजिकल एक्टिविटी में कमी के कारण एक आम समस्या बन गई है। ये समस्या आज के समय में इतनी ज्यादा फैल रही है कि ये हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है। ऐसे व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से उत्पादन ना होने या इसका उपयोग सही से ना होने के कारण ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है, जो हार्ट, किडनी, आंखों और अन्य अंगों को प्रभावित कर सकता है। इसे नियंत्रित करने के लिए समय पर पहचान और ट्रीटमेंट बेहद जरूरी है।